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दांतों को नुकसान पहुंचा सकते हैं टूथ व्हाइटनिंग प्रोडक्ट 

दांतों को चमकदार बनाने वाले प्रोडक्ट्स के असर पर की गई एक स्टडी में ऐसा कहा गया है. 

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रिसर्चर्स ने चेतावनी दी है कि दांतों को चमकाने वाले प्रोडक्ट्स भले ही आपकी मुस्कुराहट को खूबसूरत बना दें, लेकिन ये आपके दांतों को नुकसान पहुंचाने की वजह बन सकते हैं.
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रिसर्चर्स ने चेतावनी दी है कि दांतों को चमकाने वाले प्रोडक्ट्स भले ही आपकी मुस्कुराहट को खूबसूरत बना दें, लेकिन ये आपके दांतों को नुकसान पहुंचाने की वजह बन सकते हैं.
(फोटो:iStock)

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हम अक्सर दांतों की सफेदी को लेकर बहुत चिंतित रहते हैं. दांत को सफेद करने के तरीके भी आजमाते हैं, उनमें ‘टूथ व्हाइटनिंग’ प्रोडक्ट्स या मशीन के जरिए दांतों को सफेद करना शामिल है.

लेकिन रिसर्चर्स ने चेतावनी दी है कि दांतों को चमकाने वाले प्रोडक्ट्स भले ही आपकी मुस्कुराहट को खूबसूरत बना दें, लेकिन ये आपके दांतों को नुकसान पहुंचाने की वजह बन सकते हैं.

इंसानों के दांत तीन परतों से मिल कर बने होते हैं: बाहरी इनेमल, अंदरूनी डेंटिन परत और तीसरा जो दांतों को मसूड़ों से जोड़ता है.

अमेरिका के स्टॉकटन यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स के नेतृत्व में किए गए अध्ययन के मुताबिक दांतों को चमकाने वाले प्रोड्क्टस में हाइड्रोजन पेरॉक्साइड दांतों की हिफाजत करने इनेमल के नीचे पाए जाने वाले प्रोटीन युक्त डेंटिन टिशू को नुकसान पहुंचा सकता है.

ज्यादातर स्टडीज में पूरा फोकस दांत के इनेमल पर होता है, लेकिन इस स्टडी में डेंटिन पर फोकस किया गया, जिससे दांत के ज्यादातर हिस्से का निर्माण होता है. डेंटिन में प्रोटीन का लेवल हाई होता है, खासकर कॉलाजन .

कॉलाजन शरीर में सबसे ज्यादा पाया जाने वाला प्रोटीन है. ये हमारे नाखून, बाल, हड्डियों, लिगामेंट्स, नसों को आकार देने में मदद करता है.
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टीम ने बताया किया कि हाइड्रोजन पेरॉक्साइड के साथ डेंटिन के मुख्य प्रोटीन छोटे टुकड़ों में बदल जाते हैं.

दूसरे प्रयोगों में, उन्होंने हाइड्रोजन पेरॉक्साइड को कॉलाजन पर इस्तेमाल किया और फिर एक जेल इलेक्ट्रोफॉरिसिस लैबोरेटरी टेकनीक का इस्तेमाल करके प्रोटीन का विश्लेषण किया. जेल इलेक्ट्रोफॉरिसिस लैबोरेटरी टेकनीक के जरिए प्रोटीन को देखा जा सकता है.

हमारे परिणामों से पता चला है कि व्हाइटनिंग स्ट्रिप्स में पाए जाने वाले हाइड्रोजन पेरॉक्साइड कॉलाजन प्रोटीन को नष्ट करने के लिए पर्याप्त है, जो संभवतः कई छोटे टुकड़ों के बनने की वजह से है.
केली कीनन, एसोसिएट प्रोफेसर

रिसर्चर्स ने बताया कि उनके प्रयोगों से यह पता नहीं चला है कि क्या दांतों में कॉलाजन और दूसरे प्रोटीन फिर से निर्मित हो सकते हैं या नहीं. इसलिए ये नहीं बताया जा सकता है कि इस तरह हुई दांतों की क्षति स्थाई है या थोड़े समय के लिए.

रिसर्चर्स को ये भी पता करना है कि हाइड्रोजन पेरॉक्साइड का दांतों के दूसरे प्रोटीन पर क्या असर होता है.

इस रिसर्च के निष्कर्ष को फ्लोरिडा के ऑरलैंडो में आयोजित 2019 प्रायोगिक जीव विज्ञान बैठक के दौरान प्रस्तुत किया गया.

हालांकि अमेरिकन डेंटल एसोसिएशन भी चेतावनी देता है कि दांतों को सफेद करने वाले उत्पादों से मसूड़ों में सूजन और दांतों की संवेदनशीलता बढ़ सकती है.

(इनपुट: IANS)

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