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हम अक्सर दांतों की सफेदी को लेकर बहुत चिंतित रहते हैं. दांत को सफेद करने के तरीके भी आजमाते हैं, उनमें ‘टूथ व्हाइटनिंग’ प्रोडक्ट्स या मशीन के जरिए दांतों को सफेद करना शामिल है.
लेकिन रिसर्चर्स ने चेतावनी दी है कि दांतों को चमकाने वाले प्रोडक्ट्स भले ही आपकी मुस्कुराहट को खूबसूरत बना दें, लेकिन ये आपके दांतों को नुकसान पहुंचाने की वजह बन सकते हैं.
इंसानों के दांत तीन परतों से मिल कर बने होते हैं: बाहरी इनेमल, अंदरूनी डेंटिन परत और तीसरा जो दांतों को मसूड़ों से जोड़ता है.
ज्यादातर स्टडीज में पूरा फोकस दांत के इनेमल पर होता है, लेकिन इस स्टडी में डेंटिन पर फोकस किया गया, जिससे दांत के ज्यादातर हिस्से का निर्माण होता है. डेंटिन में प्रोटीन का लेवल हाई होता है, खासकर कॉलाजन .
टीम ने बताया किया कि हाइड्रोजन पेरॉक्साइड के साथ डेंटिन के मुख्य प्रोटीन छोटे टुकड़ों में बदल जाते हैं.
दूसरे प्रयोगों में, उन्होंने हाइड्रोजन पेरॉक्साइड को कॉलाजन पर इस्तेमाल किया और फिर एक जेल इलेक्ट्रोफॉरिसिस लैबोरेटरी टेकनीक का इस्तेमाल करके प्रोटीन का विश्लेषण किया. जेल इलेक्ट्रोफॉरिसिस लैबोरेटरी टेकनीक के जरिए प्रोटीन को देखा जा सकता है.
रिसर्चर्स ने बताया कि उनके प्रयोगों से यह पता नहीं चला है कि क्या दांतों में कॉलाजन और दूसरे प्रोटीन फिर से निर्मित हो सकते हैं या नहीं. इसलिए ये नहीं बताया जा सकता है कि इस तरह हुई दांतों की क्षति स्थाई है या थोड़े समय के लिए.
रिसर्चर्स को ये भी पता करना है कि हाइड्रोजन पेरॉक्साइड का दांतों के दूसरे प्रोटीन पर क्या असर होता है.
इस रिसर्च के निष्कर्ष को फ्लोरिडा के ऑरलैंडो में आयोजित 2019 प्रायोगिक जीव विज्ञान बैठक के दौरान प्रस्तुत किया गया.
हालांकि अमेरिकन डेंटल एसोसिएशन भी चेतावनी देता है कि दांतों को सफेद करने वाले उत्पादों से मसूड़ों में सूजन और दांतों की संवेदनशीलता बढ़ सकती है.
(इनपुट: IANS)
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