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TV, मोबाइल और लैपटॉप लगातार देखने की आदत है तो हो जाएं सावधान

TV, मोबाइल, लैपटॉप की स्क्रीन से रेडिएशन हमारी आंखों को नुकसान पहुंचाती है

समीक्षा खरे
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टीवी या मूवीज देखने के लिए बिस्तर पर झुके हुए हैं, यह आपके रिलैक्स करने का तरीका हो सकता है लेकिन यह नुकसान पहुंचाने वाली मुद्रा है
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टीवी या मूवीज देखने के लिए बिस्तर पर झुके हुए हैं, यह आपके रिलैक्स करने का तरीका हो सकता है लेकिन यह नुकसान पहुंचाने वाली मुद्रा है
(फोटो: Student Life/Facebook)

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यह नेटफ्लिक्स का समय है, उदास होने का नहीं. बहुत सारे एपिसोड लेकिन समय बहुत कम. एक पार्टी में जाना है लेकिन बातचीत शुरू करने के लिए कई फेमस शो नहीं देखे हैं? तभी तो लगातार शो देखने की दौड़ में शामिल हो गए. दोस्तों के साथ मिलने के प्रोग्राम को कैंसल कर दिया, सोशल लाइफ को छोड़ दी, सोना भूल गए और यह इसलिए क्योंकि एक साथ कई एपिसोड देखने की इस प्रतिस्पर्धा में कहीं पिछड़ न जाएं.

यह इस दौर की एक सामान्य सी बात है. हम सभी लोग रात में लैपटॉप पर अपने पसंदीदा टीवी शो देखते रहते हैं और करवटें बदलते रहते हैं, लेकिन हमारी पीठ और गर्दन इसके लिए हमें माफ नहीं करते क्योंकि उनकी स्थिति खराब हो सकती है.

लगातार टीवी या मूवीज देखते रहना आपको नुकसान पहुंचा सकता है (फोटो: giphy.com )

हां, आपको सहायता की जरूरत है. डरें नहीं, बस इसे पढ़ें.

यहां बताया गया है कि लगातार देखते रहना किस तरह से आपको नुकसान पहुंचा सकता है. यहां कुछ क्विक टिप्स दिए गए हैं, जिसे जाड़े में जॉन स्नो अशर देखने के समय आपको ध्यान में रखना चाहिए.

अपनी मुद्रा (पोस्चर) का ध्यान रखें

टीवी या मूवीज देखने के लिए बिस्तर पर झुके हुए हैं, यह आपके रिलैक्स करने का तरीका हो सकता है लेकिन यह नुकसान पहुंचाने वाली मुद्रा है.

लंबे समय तक पीठ के बल लेटकर और अपने कंधे को गलत स्थिति में रखकर मनोरंजक कार्यक्रमों को देखते रहना, आपकी रीढ़ के लिए खतरनाक हो सकता है. यह स्थिति आपकी रीढ़ को अत्यधिक नुकसान पहुंचा सकती है. इसके कारण आपको कई समस्याओं जैसे सर्वाइकल स्पॉनडिलॉसिस, पीठ का दर्द एवं अकड़न, रीढ़ की मांसपेशियों का कमजोर होना तथा सिरदर्द का सामना करना पड़ सकता है
डॉ. इशू श्रीवास्तव, फिजियोथेरापिस्ट
क्विक टिपः देखते समय अपनी पीठ को अच्छी तरह से सहारा दें और इसे सीधा रखें. या तो कुर्सी पर पीठ को अच्छी तरह से सहारा देकर बैठें या फिर बिस्तर पर दोनों घुटनों को मोड़कर बेड के शीर्ष पर पीठ को सहारा देखर बैठें. यह ध्यान रखें कि आपका सिर स्क्रीन के लेवल पर हो ताकि देखते समय बार-बार सिर ऊपर या नीचे न करना पड़े.

आलसी न बनें

हम लोग टीवी या लैपटॉप पर कुछ देखते समय लंबे समय तक एक ही मुद्रा में बने रहते हैं, चाहे वो अच्छी हो या बुरी. वैज्ञानिक अध्ययन यह बताता है कि लंबे समय तक टीवी देखना मोटापे और डायबिटीज से जुड़ी बीमारियों के खतरे को बढ़ा देता है.

लंबे समय तक एक ही स्थिति में बने रहने से रक्त प्रवाह (ब्लड सर्कुलेशन) धीमा हो जाता है और अकड़न पैदा होती है, जो बहुत खतरनाक है. आलस के कारण वजन भी बढ़ता है और जिन लोगों को देखते समय जंक फूड खाने की आदत होती है, उनके लिए तो यह समस्याएं और भी बड़ी है.
डॉ. गरिमा माइन, फिजियोथेरेपिस्ट
लैपटॉप स्क्रीन से रेडिएशन हमारी आंखों को नुकसान पहुंचाती है ( फोटो:giphy.com )
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क्विक टिपः देखते समय लगातार ब्रेक लें. कोशिश करें कि हर 20 मिनट के बाद ब्रेक लें, स्ट्रेच करें और फिर देखना जारी रखें. आपकी गर्दन, कंधा और पैर आपको इसके लिए धन्यवाद करेंगे. हां, इसके साथ-साथ देखने के दौरान ज्यादा जंक फूड न लें!

आंखों को भी आराम देने की जरूरत

“ तुम अंधे हो जाओगे!” जब बच्चे लंबे समय तक नजदीक से टीवी देखते हैं, तो सभी माता-पिता अपने बच्चों से यह बात कहते हैं.

लंबे समय तक स्क्रीन पर देखते रहने से आपकी आंखों की रोशनी प्रभावित होती है। इससे आंखें नम हो जाती हैं, सूख जाती हैं या फिर उनमें खुजली होने लगती है. लैपटॉप स्क्रीन से रेडिएशन निकलता है, जो हमारी आंखों को नुकसान पहुंचाता है.

क्विक टिपः अपनी आंखों को ब्रेक दें. उन्हें झपकाएं और सूखने से बचने के लिए धोते रहें. स्क्रीन और आंख के बीच पर्याप्त दूरी बनाए रखें. इसके साथ ही देखने के समय कमरे में अच्छी रोशनी रखें.

जबरदस्ती अपनी नींद न रोकें

लगातार जागने से सिरदर्द तथा डायबिटीज और सांसों संबंधी परेशानियां भी उत्पन्न हो जाती हैं( फोटो:giphy.com )

हम लोगों में से ज्यादातर लोग पूरे दिन काम करने या कॉलेज में पढ़ाई करने के बाद देर रात को मनोरंजक कार्यक्रम देखते हैं. आप किसी एक एपिसोड से शुरू करते हैं और फिर लगातार देखते-देखते सुबह के चार बजा देते हैं. यह हमारे बॉडी क्लॉक को प्रतिकूल तरीके से प्रभावित करता है और सोने का चक्र गड़बड़ होने के कारण सिरदर्द तथा डायबिटीज और सांसों संबंधी परेशानियां भी उत्पन्न हो जाती हैं.

क्विक टिपः अपनी नींद को पकड़ें. अपने पसंसीदा शो को देखने के लिए एक शेड्यूल बनाएं और उसके बाद इसे बंद करके सो जाएं

अपने दिमाग को भी आराम दें

किसी भी चीज का अत्यधिक इस्तेमाल खराब होता है. यह टीवी देखने के ऊपर भी लागू होता है. अगर आप कई घंटों तक टीवी या सिनेमा देखते हैं, तो मानसिक तौर पर थक जाते हैं. (मैं तो थक जाता हूं).

लगातार टीवी देखने से अवसाद जैसी मानसिक समस्याएं भी पैदा हो जाती हैं. हाल के एक अध्ययन के अनुसार लगातार टीवी देखना अवसाद और अकेलेपन से जुड़ा हुआ है. यह भी कहा गया है कि जो लगातार टीवी देखते हैं, उनके अंदर अपने आप को नियंत्रित करने की क्षमता का अभाव होता है और यह सलाह दी जाती है कि लगातार टीवी देखना एक लत है.

क्विक टिपः बहुत ज्यादा समय तक इसमें संलिप्त न रहें. अपने दैनिक कार्यक्रम और टीवी शो देखने के बीच एक संतुलन बनाए रखें. एक दिन में दो एपिसोड से ज्यादा देखने से बचें.

इसलिए, अगली बार जब आप कोई टीवी शो देखें तो अगले एपिसड पर क्लिक करने से अपने को रोकें. कभी-कभी सस्पेंस भी एक मनोरंजन होता है!

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