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एक स्टडी के मुताबिक विटामिन C की खुराक लेने से डायबिटीज रोगियों का दिनभर में बढ़े हुए ब्लड शुगर लेवल कम करने में मदद मिल सकती है.
रिसर्च से ये पता चला है कि विटामिन C टाइप 2 डायबिटीज वाले लोगों में ब्लड प्रेशर को कम करता है, जिससे दिल भी दुरुस्त रहता है.
सच तो ये है कि शारीरिक तौर पर सक्रिय रहना, अच्छी डाइट, दवाएं और जरूरत के हिसाब से देखभाल टाइप 2 डायबिटीज को मैनेज करने के लिए जरूरी है. कुछ लोगों को दवा के साथ भी अपने ब्लड शुगर लेवल को मैनेज करना मुश्किल हो सकता है.
टाइप 2 डायबिटीज में शरीर इंसुलिन का सही उपयोग नहीं कर पाता है और इस स्थिति को इंसुलिन रेजिस्टेंस कहा जाता है.
पेंक्रियाज पहले इसके लिए अतिरिक्त इंसुलिन बनाता है. हालांकि, समय के साथ, यह खून में शर्करा को सामान्य लेवल पर रखने के लिए पर्याप्त नहीं बना पाता है.
हालांकि इसकी इसकी सटीक वजह के बारे में नहीं पता है, लेकिन ये कई फैक्टर्स के कारण हो सकता है. कुछ ट्रिगर जेनेटिक वजहों के कारण पहले से तय होते हैं.
मोटापे के पारिवारिक इतिहास वाले लोगों में इंसुलिन रेजिस्टेंस और डायबिटीज होने का खतरा रहता है. जो लोग मोटे हैं, उनके शरीर में ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में इंसुलिन का उपयोग करने की क्षमता पर दबाव बढ़ जाता है. इससे टाइप 2 डायबिटीज हो सकती है.
हेल्दी डाइट आम तौर पर अनहेल्दी डाइट के मुकाबले ज्यादा महंगी होती है. कम पोषक तत्वों वाले सस्ते भोजन आसानी से मिल जाने की वजह से टाइप 2 मधुमेह की वैश्विक महामारी में इजाफा होता है.
डायबिटीज होने में लाइफस्टाइल की भी प्रमुख भूमिका होती है.
टाइप 2 मधुमेह के लक्षण समय के साथ धीरे-धीरे विकसित होते हैं. जैसे:
व्यायाम अधिक से अधिक करें. व्यायाम के बहुत सारे फायदे होते हैं, जिनमें वजन बढ़ना, ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करना और दूसरी स्थितियां शामिल हैं.
साबुत अनाज, फल और सब्जियों से भरपूर आहार शरीर के लिए बहुत अच्छा होता है. रेशेदार भोजन यह सुनिश्चित करेगा कि आप लंबी अवधि के लिए पेट भरा महसूस करें और किसी भी तरह का अनहेल्दी खाने की ख्वाहिश को रोके. जितना हो सके, प्रोसेस्ड और रिफाइंड फूड से बचें.
शराब के सेवन को सीमित करें और स्मोकिंग छोड़ दें. बहुत अधिक शराब से वजन बढ़ सकता है. इससे आपका ब्लड प्रेशर और ट्राइग्लिसराइड लेवल बढ़ सकता है.
अपने जोखिम कारकों को समझें. ऐसा करना आपको जल्द से जल्द निवारक उपाय करने और जटिलताओं से बचने में मदद कर सकता है.
(ये लेख पद्मश्री डॉ के.के अग्रवाल ने लिखा है. डॉ के.के. अग्रवाल हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष हैं.)
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Published: 06 Mar 2019,10:26 AM IST