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मुझे ताज्जुब हुआ, जब यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (यूटीआई) से जूझ रही मेरी एक फ्रेंड ने मीठी चीजें लेना बिल्कुल बंद कर दिया. अपने बर्थडे पर भी वो केक खाने से बचती रही. उसने बताया कि ज्यादा मीठी चीजें खाने के अगले दिन उसकी तकलीफें बढ़ जाती हैं.
क्या खाने-पीने की कुछ चीजें यूटीआई की दिक्कतें बढ़ा सकती हैं? यूटीआई पेशेंट को किन चीजों से परहेज करना चाहिए? आपकी डाइट का यूटीआई के लक्षणों पर कैसे और क्या असर पड़ता है? इन्हीं सवालों के जवाब के लिए फिट ने बात की अपोलो में चीफ क्लीनिकल न्यूट्रिशनिस्ट डॉ प्रियंका रोहतगी से.
डॉ प्रियंका रोहतगी बताती हैं कि यूटीआई खाने से नहीं होता है. ऐसा नहीं है कि किसी तरह के खाने से यूटीआई हो जाए. लेकिन हमारे खाने से दो चीजें तय होती हैं:
यूटीआई में या तो आपकी इम्यूनिटी कम है या फिर यूरिन का पीएच बिगड़ा है. हालांकि यूटीआई और भी कारणों से हो सकता है.
डॉ प्रियंका रोहतगी बताती हैं, ‘ अगर यूटीआई है, तो पेशेंट को ये सलाह दी जाती है कि वो चाय, कॉफी, एल्कोहल और खट्टी चीजों को बिल्कुल बंद कर दें क्योंकि इन चीजों से इरिटेशन बढ़ेगी.’
अगर किसी को यूटीआई है और वो चाय, कॉफी, एल्कोहल ले रहा है, तो उनके ब्लैडर में इंफ्लेमेशन हो जाता है, जिसे Interstitial cystitis बोलते हैं.
डॉ रोहतगी बताती हैं कि यूटीआई में आपको क्या खाना है और क्या नहीं, ये पीएच के हिसाब से तय किया जाता है. जो भी चीजें ब्लैडर को इरिटेट करें, उनसे परहेज करना जरूरी है.
यूटीआई के मामले में ज्यादा लिक्विड लेने की सलाह दी जाती है, लेकिन लिक्विड का चुनाव पीएच के आधार पर करना होता है.
अगर आप यूटीआई से जूझ रहे हैं या फिर ब्लैडर इंफेक्शन का कोई संकेत नजर आ रहा है, तो कुछ चीजों को अपनी डाइट में बिल्कुल जगह न दें.
जी हां, सुबह की एक कप कॉफी या चाय भले ही आपको ताजगी देती है, लेकिन इससे यूटीआई की दिक्कतें बढ़ सकती हैं. इसलिए डाइट से कैफीन की मात्रा घटाने या फिर पूरी तरह से हटाने की सलाह दी जाती है.
आपको पता होगा कि रीफ्लक्स, अल्सर होने पर बीयर, वाइन और लिक्वर से पेट में दिक्कतें होती हैं और एल्कोहल से ब्लैडर में जलन हो सकता है, खासकर तब, जब आपको ब्लैडर इंफेक्शन हो. साथ ही एल्कोहल डिहाइड्रेशन (पानी की कमी) की वजह भी बनता है.
सोडा यूटीआई इंफेक्शन के लक्षण को और बुरा कर सकते हैं. कार्बोनेटेड ड्रिंक्स से सेंसटिव ब्लैडर में जलन हो सकती है.
हेल्दी डाइट में फल भी शामिल होते हैं, लेकिन ऐसे फल जिसमें एसिड ज्यादा होता है यानी खट्टे फल खाने से ब्लैडर में जलन हो सकती है और यूटीआई की दिक्कतें बढ़ सकती हैं.
अगर आप यूटीआई से पीड़ित हैं, तो किसी भी रूप में मिर्च-मसाला न लें. इनसे ब्लैडर में जलन होती है. ऐसी ही चीजें खाएं, जिससे यूटीआई की दिक्कतें शांत की जा सकें.
डॉ रोहतगी बताती हैं कि पेशेंट को दूध, पानी, ओट, अंडा और खीरे जैसी चीजें खाने की सलाह दी जाती है. जो भी वो नॉर्मल खाना खाएं, लेकिन पानी खूब पीएं.
डॉ रोहतगी बताती हैं कि कुछ फल यूटीआई में लिए जा सकते हैं, जैसे तरबूज, बेरीज खासकर क्रैनबेरी का अनस्वीटेंड जूस अच्छा रहता है.
डॉ रोहतगी सभी को सलाह देती हैं कि पानी खूब पीजिए क्योंकि ये अपने आप में ही एक नैचुरल टॉक्सिन रिमूवर है.
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