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फाइजर ने कहा- वैक्सीन में कोई दिक्कत नहीं,लोकल ट्रायल पर फंसा पेंच

फाइजर ने सरकार से नए सिरे से बाचतीत शुरू की है

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<div class="paragraphs"><p>फाइजर COVID वैक्सीन&nbsp;&nbsp;</p></div>
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फाइजर COVID वैक्सीन  

(फोटो: iStock)

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कोरोना वैक्सीन बनाने वाली कंपनी फाइजर ने भारत सरकार को बताया है कि कंपनी की कोरोना वायरस वैक्सीन की सुरक्षा को लेकर चिंतित होने का कोई कारण नहीं है. दरअसल भारत सरकार का नियम है कि भारत में किसी भी वैक्सीन कंपनी को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिलने के 30 दिन के अंदर स्थानीय स्तर पर ट्रायल करना होगा. फाइजर कंपनी इस ट्रायल से बचना चाह रही है. कोरोना की दूसरी लहर में गहराते संकट के बावजूद भारत सरकार का जोर स्थानीय ट्रायल करने पर था. कंपनी की अभी सरकार से नए सिरे से बाचतीत शुरू हुई है.

भारत सरकार ने अप्रैल महीने में ऐसी वैक्सीन कंपनियों ने के लिए कहा था कि इन्हें भारत में इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिलने के कम से कम 30 दिन के अंदर लोकल ट्रायल करना होगा. इसके पहले नियम था कि वैक्सीन कंपनियों को मंजूरी मिलने के पहले ही ट्रायल करने करना होगा.

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अब तक किसी कंपनी ने नहीं दिया आवेदन

भारत में वैक्सीन बेचने के लिए फाइजर, मॉडर्ना और जॉनसन एंड जॉनसन को न्योता दिया गया है. लेकिन अब तक किसी भी कंपनी ने आवेदन नहीं दिया है.

रॉयटर्स ने अपनी खबर में बताया है कि फाइजर ने सरकार के साथ नए सिरे से बातचीत शुरू की है. फरवरी में फाइजर ने अपना आवेदन स्थानीय ट्रायल के नियम के चलते वापस ले लिया था.

कंपनी के प्रवक्ता का कहना है कि 'फाइजर ने इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए आवेदन में जो डेटा दिया है उसके मुताबिक वैक्सीन का एफिकेसी रेट करीब 95 फीसदी है, साथ ही सुरक्षा को लेकर भी कोई चिंता नहीं है.'

अमेरिका समेत कई पश्चिमी देशों ने फाइजर को दी है मंजूरी

फाइजर के प्रवक्ता का कहना है कि वैक्सीन की सुरक्षा और एफिकेसी डेटा को अमेरिका, ब्रिटेन, जापान और विश्व स्वास्थ्य संगठन के ने मंजूरी दी है.

बता दें कि फाइजर जर्मनी के सहयोगी BioNTech SE के साथ वैक्सीन का उत्पादन करती है. कंपनी ने फिर से इस बात पर जोर दिया है कि वो सरकार के साथ करार करके ही भारत में वैक्सीन की सप्लाई करेगी.

बता दें कि भारत में अब तक सिर्फ तीन कोरोना वायरस वैक्सीन को मंजूरी मिली है. भारत ने सबसे पहले ऑक्सफोर्ड, एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन कोविशील्ड और भारत बायोटेक की वैक्सीन कोवैक्सीन को मंजूरी दी थी. इसके बाद भारत ने रूसी वैक्सीन स्पुतनिक वी को भी इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दी थी.

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