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विटामिन डी की कमी से बढ़ सकता है याददाश्त जाने का खतरा

जानिए विटामिन डी की कमी से आपके शरीर को हो सकते हैं क्या क्या नुकसान 

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जानिए विटामिन डी की कमी से आपके शरीर को हो सकते हैं क्या क्या नुकसान 
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जानिए विटामिन डी की कमी से आपके शरीर को हो सकते हैं क्या क्या नुकसान 
( फोटो:iStock )

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कई स्टडी से साबित हो चुका है कि विटामिन डी से हृदय रोग, स्कलेरोसिस और यहां तक कि गठिया जैसे रोगों के खतरे को कम करने में मदद मिल सकती है. एक नई स्टडी में पाया गया है कि विटामिन डी की कमी से डिमेंशिया या याददाश्त खोने का जोखिम बढ़ जाता है.

स्टडी के अनुसार, विटामिन डी की ज्यादा कमी वाले लोगों में डिमेंशिया होने की आशंका 122 फीसदी ज्यादा थी. भारत में धूप की कोई कमी नहीं होती, फिर भी लगभग 65 से 70 परसेंट भारतीयों में इस विटामिन की कमी है.

खुराक में विटामिन डी बहुत जरूरी(फोटो: टम्बलर)
विटामिन डी शरीर की लगभग हर सेल को प्रभावित करता है. ये सूरज की रोशनी में रहने पर स्किन को आसानी से मिलता है. कैल्शियम हड्डियों के हेल्थ के लिए  है. विटामिन डी का लेवल कम होने पर हड्डियों को नुकसान पहुंचता है. हालांकि, यह विटामिन हार्ट, ब्रेन और इम्यून सिस्टम के लिए भी उतना ही जरूरी है.

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के अध्यक्ष डॉ. के.के. अग्रवाल का कहना है कि , "विटामिन डी की कमी मैटाबोलिक सिंड्रोम, हृदय रोगों और फर्टिलिटी कैपसिटी से जुड़ी हुई है. रिसर्च से पता चला है कि इसकी कमी से भूलने की बीमारी भी हो सकती है. भारत में, कई त्योहारों पर सूरज की पूजा की जाती है. माघ, वैशाख और कार्तिक माह में शाही स्नान का महत्व है. सुबह-सुबह सूरज की पूजा-अर्चना करने और कैल्शियम से समृद्ध भोजन करने का प्रावधान है, जिसमें उड़द की दाल और तिल प्रमुख हैं.

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अग्रवाल ने कहा, "दीवाली के तुरंत बाद छठ की पूजा में भी सूर्य आराधना प्रमुख है. कार्तिक के महीने के बाद मार्गशीर्ष में भी सूर्य की पूजा की जाती है. कार्तिक पूर्णिमा और वैशाख पूर्णिमा विशेष रूप से सूरज की पूजा के लिए ही जानी जाती है. वर्तमान में विटामिन डी का मंत्र यह है कि साल में कम से कम 40 दिन 40 मिनट रोज सूरज की रोशनी में रहना चाहिए. इसका सही लाभ तब मिलता है जब शरीर का कम से कम 40 प्रतिशत हिस्सा सूर्य की रोशनी के संपर्क में आए, भले ही प्रात:काल या शाम के समय."

उन्होंने कहा, "विटामिन डी 2 एर्गोकैल्सीफेरॉल हमें खाने की चीजों से मिलता है, जबकि विटामिन डी 3 कोलेकैल्सीफेरॉल सूरज की रोशनी पड़ने पर हमारे शरीर में बनता है. दोनों विटामिन हमारे लिए बहुत जरूरी हैं.

विटामिन डी 3 कोलेकैल्सीफेरॉल सूरज की रोशनी पड़ने पर हमारे शरीर में बनता है.( फोटो: टम्बलर/@Rybitz)

विटामिन डी के अच्छे सोर्स

कॉड लिवर ऑयल( फोटो:Twitter )

* कॉड लिवर ऑयल : यह तेल कॉड मछली के लीवर से मिलता है और सेहत के लिए बेहद अच्छा माना जाता है. इससे जोड़ों के दर्द को कम करने में मदद मिलती है और इसे कैप्सूल या तेल के रूप में यूज किया जा सकता है.

मशरूम( फोटो:Twitter )

* मशरूम : यदि आपको मशरूम पसंद हैं, तो आपको विटामिन डी भरपूर मिल सकता है. सूखे शिटेक मशरूम विटामिन डी 3 के साथ-साथ विटामिन बी के भी शानदार सोर्स हैं. इनमें कम कैलोरी होती है और इन्हें जब चाहे खाया जा सकता है.

* सामन : इसमें डी 3, ओमेगा 3 और प्रोटीन ज्यादा होता है.

सूरजमुखी के बीज( फोटो:Twitter )

* सूरजमुखी के बीज : इनमें न केवल विटामिन डी 3, बल्कि मोनोअनसैचुरेटेड फैट और प्रोटीन भी भरपूर होता है.

डॉ. अग्रवाल ने बताया कि विटामिन डी की कमी के कई कारण हैं. भारत में प्रचुर मात्रा में धूप उपलब्ध रहती है, फिर भी बहुत से लोग अनजान हैं कि उन्हें विटामिन डी की कमी हो सकती है.

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