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विटामिन डी सप्लीमेंट्स क्रॉनिक ऑब्स्ट्रक्टिव पल्मोनरी डिसीज (COPD) के मरीजों में जानलेवा लंग अटैक के खतरे को कम कर सकते हैं. ऐसा ब्रिटेन की क्वीन मेरी यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन में की गई एक स्टडी में पाया गया है.
इस स्टडी के साथ विटामिन D के फायदों की लिस्ट में एक और फायदा शामिल हो गया है.
भले ही विटामिन डी को हड्डियों की सेहत के लिए खास माना जाता है, लेकिन पहले हो चुके अध्ययन बताते हैं कि विटामिन डी जुकाम, फ्लू और अस्थमा अटैक की रोकथाम में भी मददगार है. साथ ही इसे कुपोषण से जूझ रहे बच्चों का वजन बढ़ाने और उनके मस्तिष्क विकास के लिए भी उपयोगी बताया जा चुका है.
Thorax जर्नल में पब्लिश की गई स्टडी के मुताबिक COPD के वो मरीज जिनमें विटामिन डी की कमी थी, उन्हें विटामिन D का सप्लीमेंट दिए जाने पर लंग अटैक में 45% की कमी आई.
सीओपीडी फेफड़ों की बीमारियां हैं, जैसे एम्फीसेमा, क्रॉनिक ब्रॉन्काइटिस और रीफ्रैक्टरी (नॉन-रिवर्सिबल) अस्थमा, जिसमें सांस लेने में कठिनाई होती है और सांस गहरी हो जाती है. ज्यादातर सीओपीडी मरीजों की मौत लंग अटैक से होती है.
रिसर्चर्स के मुताबिक जिन COPD पेशेंट को जल्दी-जल्दी लंग अटैक होता है, उनका विटामिन डी लेवल टेस्ट किया जाना चाहिए.
हालांकि विशेषज्ञ कहते हैं कि जिन लोगों में भोजन के जरिए विटामिन डी की पूर्ति नहीं हो पाती, उन्हें ही सप्लीमेंट लेने की जरूरत होती है और सप्लीमेंट का इस्तेमाल डॉक्टर की सलाह पर ही करना चाहिए क्योंकि विटामिन D की अधिकता भी नुकसान पहुंचाती है.
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