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(मेरा नाम पापड़ि दास है और मैंने दो महीने में अपना वजन बढ़ाने का चैलेंज लिया है! 'मैं वजन क्यों बढ़ाना चाहती हूं' से लेकर इस चैलेंज को पूरा करने के लिए मैंने क्या-क्या किया, ये जानने के लिए नीचे दिए तीन लिंक पर क्लिक करें.)
जैसे-जैसे चैलेंज खत्म होने को आ रहा था, मेरी टेंशन बढ़ रही थी. डाइट प्लान फॉलो करने के बाद भी उम्मीद के मुताबिक वजन न बढ़ने से मैं परेशान थी.
न्यूट्रिशनिस्ट रुपाली दत्ता से मिलकर हमने उसी डाइट में खाने की मात्रा बढ़ाने का फैसला किया.
अब मुझे ज्यादा खाना बनाने और खाने के साथ ज्यादा एक्सरसाइज भी करनी थी.
गनीमत है कि मदद के लिए मेरी मां कोलकाता से दिल्ली आ गईं. उन्होंने न सिर्फ मुझे मोटिवेट किया बल्कि मेन्यू में कुछ डिशेज को क्लासिक बंगाली डिशेज में तब्दील कर दिया. चीजें वहीं थीं, सिर्फ पकाने का स्टाइल बदल गया.
मुझे पता चला कि बचपन में जो सब्जियां और साग मेरी मां खिलाया करती थीं, वो कितने पोषक हैं और उनकी जरूरत सिर्फ इस चैलेंज के लिए नहीं बल्कि सामान्य तौर पर भी ताउम्र होगी.
चैलेंज के 60वें दिन हिम्मत जुटा कर मैं रुपाली दत्ता के क्लीनिक पहुंची, ये जानने के लिए कि मैंने ये चैलेंज कितना पूरा किया.
बिना देरी किए मेरा वजन लिया गया.
नतीजा ये था कि 8 हफ्तों के चैलेंज में मेरा वजन 3.7 kg बढ़ा. जाहिर है, मैं 12 किलो वजन नहीं बढ़ा पाई, जो कि मेरा टारगेट था. लेकिन रुपाली दत्ता ने बताया कि इतने कम समय में 12 किलो वजन बढ़ाना ठीक नहीं है.
वजन बढ़ाने के इस चैलेंज ने मुझे कई चीजें सिखाईं, जैसे:
भले ही 8 हफ्तों का ये चैलेंज खत्म हुआ, लेकिन असली चुनौती अब शुरू हुई है. वो है, जितना वजन बढ़ा है, उसे बनाए रखना और इसके साथ ही हेल्दी लाइफस्टाइल फॉलो करना.
कैमरा पर्सन: शिव कुमार मौर्य, अतहर राथेर, अभय शर्मा, सुमित बडोला और अभिषेक रंजन
ग्राफिक्स एंड आर्ट: इरम गौर और आर्णिका काला
वीडियो एडिटर: दीप्ति रामदास
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Published: 04 Jul 2019,01:45 PM IST