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इसमें कोई दो राय नहीं है कि दूध पीना सेहत के लिए बेहद फायदेमंद है. दूध के अनगनित फायदों के कारण ही बचपन में घर के बड़े दूध का गिलास लेकर हमारे पीछे दौड़ा करते थे.
दूध इम्यूनिटी बढ़ाता है, इससे आंखों की रोशनी बढ़ती है, दिमाग तेज होता है और दिल भी फिट रहता है.
लेकिन दूध पीने को लेकर तमाम सवाल हैं, जिनके जवाब की तलाश हम सभी को रहती है. जैसे दूध कब पीना चाहिए, दूध में क्या मिलाना चाहिए और क्या नहीं वगैरह-वगैरह. इसी को ध्यान में रखते हुए फिट ने कुछ विशेषज्ञों से बात की और जाना दूध को लेकर क्या कहते हैं डाइटीशियन और आयुर्वेद के जानकार.
हमने मैक्स सुपरस्पेशिएलिटी हॉस्पिटल में डाइटेटिक्स डिपार्टमेंट की हेड डाइटिशियन चारू दुआ, गाजियाबाद के आयुर्वेदाचार्य डॉ अरुण कुमार और जीवा आयुर्वेद के डायरेक्टर डॉ प्रताप चौहान से बात की.
गाजियाबाद में आयुर्वेदाचार्य डॉ अरुण कुमार कहते हैं कि दूध कोई भी पी सकता है, किसी भी उम्र का व्यक्ति पी सकता है. अंतर बस इतना है कि कुछ बीमारियां अगर हैं, तब दूध से परहेज करना चाहिए. जैसे कोलाइटिस है, लूज मोशन, डायरिया, इन बीमारियों में दूध नुकसान करेगा. इसके अलावा दूध कभी किसी को नुकसान नहीं करता बशर्ते अगर दूध सही है.
जीवा आयुर्वेद के निदेशक डॉ प्रताप चौहान भी यही कहते हैं:
डॉ चौहान बताते हैं कि आयुर्वेद के मुताबिक दूध का नित्य सेवन करना चाहिए, लेकिन आजकल जो दूध आ रहे हैं, वो रेगुलर पीने लायक नहीं हैं. हालांकि शुद्ध देसी गाय के दूध के बहुत फायदे हैं.
वहीं मैक्स सुपरस्पेशिएलिटी हॉस्पिटल में डाइटेटिक्स डिपार्टमेंट की हेड डाइटिशियन चारू दुआ सिडेंट्री लाइफस्टाइल वाली आजकल की अर्बन पॉपुलेशन को सीधे गाय या भैंस के दूध की बजाए टोन्ड या डबल टोन्ड मिल्क लेने की सलाह देती हैं क्योंकि इसमें फैट कम होता है.
डाइटिशियन चारू दुआ बताती हैं कि दूध पीने का सबसे अच्छा वक्त एक तो सुबह का होता है और दूसरा रात को सोने से पहले होता है.
डॉ अरुण भी सहमति जताते हैं कि दूध का सेवन नाश्ते में किया जा सकता है, रात को सोने से पहले किया जा सकता है.
रात में दूध पीने की बात करते हुए डॉ प्रताप चौहान बताते हैं कि रात के खाने और दूध पीने के बीच कम से कम 2 घंटे का गैप होना चाहिए.
डाइटिशियन दुआ बताती हैं कि आमतौर पर सुबह-सुबह खाली पेट दूध लेने से कोई नुकसान नहीं होता, लेकिन कुछ लोग खाली पेट दूध पीने के बाद एसिडिटी, एसिड रिफ्लक्स जैसी शिकायतें करते हैं. उनके मुताबिक ये आपके टॉलरेंस पर डिपेंड करता है, इसलिए एहतियात के तौर पर आप दूध के साथ बिस्किट खा लें.
डॉ प्रताप चौहान का मानना है कि अगर दूध शुद्ध है, तो अपने आप में पूर्ण है और उसमें कुछ भी मिलाने की जरूरत नहीं होती. हालांकि वे कहते हैं कि दूध में मखाना, बादाम जैसे मेवे पकाकर लिए जा सकते हैं.
मार्केट में ऐसे तमाम प्रोडक्ट्स हैं, जिन्हें दूध में मिलाकर पीने का विज्ञापन किया जाता है, क्या हमें ये प्रोडक्ट्स लेने चाहिए? इस सवाल पर डाइटिशियन दुआ कहती हैं कि एक न्यूट्रिशनिस्ट के तौर पर मैं सभी लोगों को ऐसे प्रोडक्ट्स लेने को नहीं कहूंगी. वो कहती हैं कि इन प्रोडक्ट्स में शुगर भी हाई होती है, दूध में पहले से शुगर होता है, इन चीजों को मिलाने से कैलोरीज बढ़ेंगी, जिसकी शरीर को जरूरत नहीं है.
एक्सपर्ट्स के मुताबिक खाने के साथ दूध लेने की सलाह नहीं दी जाती है, इसके बजाए दही लेना अच्छा होता है.
डॉ अरुण कहते हैं कि अगर कोई भोजन नहीं ले रहा है, तो उसकी जगह दूध ले सकता है.
एक्सपर्ट्स बताते हैं, दूध की मात्रा उम्र, एक्टिविटी पैटर्न और कंडिशन पर डिपेंड करता है. जैसे प्रेग्नेंट लेडीज, लैक्टेटिंग महिलाओं, बच्चों को ज्यादा दूध पीना चाहिए.
डॉ चौहान के मुताबिक दूध की मात्रा प्रकृति के अनुसार जरूर तय की जाती है. इसके अलावा एक दिन में एक बार ही दूध पीना चाहिए.
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Published: 16 Sep 2019,01:59 PM IST