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टेनिस एल्बो कोहनी के बहुत अधिक इस्तेमाल की वजह से कोहनी की एक तकलीफदेह स्थिति है. इसे लेटरल एपीकोंडीलिटिस भी कहा जाता है.
कई बार ये दर्द ‘रेफर्ड पेन’ की शक्ल ले लेता है, यानी कोहनी से बढ़ कर दर्द कंधों या गर्दन तक पहुंच जाता है, जिससे हमें कन्फ्यूजन भी हो सकती है कि ‘टेनिस एल्बो’ की दिक्कत है या नहीं है.
इसके होने का कारण अक्सर नहीं पता चलता है. लेकिन अगर इसको हम किसी कैटेगरी में डालना चाहें तो इसे हम ‘ओवरयूज इंजरी’ भी कह सकते हैं.
डॉ गुलाटी कहते हैं कि ये दर्द किसी चीज को उठाने या बोतल को खोलने वाली प्रक्रिया को बार-बार करने से भी हो सकता है.
डॉ गुलाटी कहते हैं कि इसका इलाज आसानी से संभव है और इस दर्द के रहने की अवधि 6 महीने या साल भर तक हो सकती है. लेकिन दर्द के रहते आप अगर आराम नहीं करेंगे, तो ऑपरेशन भी करवाना पड़ सकता है.
सचिन तेंदुलकर के ऑपरेशन कराने के पीछे भी यही वजह थी कि वो दर्द के साथ ही क्रिकेट खेलते रहे, जिसकी वजह से परेशानी बढ़ गई.
‘टोटल धमाल’ की शूटिंग के दौरान अजय देवगन को भी ‘ टेनिस एल्बो’ होने का पता चला था, रिपोर्ट्स के मुताबिक उन्हें कोहनी में इतनी तकलीफ थी कि कॉफी मग उठाना भी मुश्किल हो गया था.
डॉक्टर्स टेनिस एल्बो का इलाज हर मामले की गंभीरता को देखते हुए करते हैं.
आमतौर पर इसका मामूली दवा और थेरेपी से इलाज संभव है, लेकिन फायदा ना होने पर स्टेरॉयड इंजेक्शन या पीआरपी दिया जा सकता है. स्थिति गंभीर होने पर सर्जरी कराने की जरूरत भी पड़ सकती है.
डॉक्टर गुलाटी कहते हैं कि अगर आपको ‘टेनिस एल्बो’ की परेशानी शुरू हो गई है, तो भारी सामान उठाने से बचें और गेम खेलने या कोई भी भारी काम करने से बचें.
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Published: 03 Jan 2019,11:21 AM IST