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यंगस्टर्स में फेसबुक और वाट्सएप जैसे सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर चैटिंग की लत तेजी से बढ़ रही है. इस पर बोन स्पेशलिस्ट का कहना है कि ज्यादा चैटिंग करने से कलाई और उंगलियों के जोड़ों में दर्द, आर्थराइटिस या रिपिटिटिव स्ट्रेस इंजरी (आरएसआई) के जैसी बड़ी प्रॉब्लम हो सकती है.
अपोलो हॉस्पिटल के सीनियर आर्थोपेडिक सर्जन डॉ. राजू वैश्य कहते हैं कि पिछले कुछ सालों में यंगस्टर्स में फेसबुक और वाट्सएप का क्रेज बहुत तेजी से बढ़ रहा है.
लगातार चैटिंग एवं मैसेजिंग करने के कारण ऐसे लोगों की संख्या बढ़ गई है, जिन्हें उंगलियों, अंगूठे और हाथों में दर्द से परेशानी हो रही है.
अलग-अलग डॉक्टर्स ने फेसबुक और वाट्सएप की लत से होने वली बीमारियों के बारे में बात करते हुए बताया.
जो लोग सेल फोन पर अक्सर मैसेज टाइप करने के लिए अपने अंगूठे का यूज करते हैं, उनमें रेडियल स्टिलॉयड टेनोसिनोवाइटिस (डी क्वेरवेन सिंड्रोम, ब्लैकबेरी थंब या टेक्सटिंग थंब ) डेवलप्ड हो जाता है.
इस बारे में डॉ. गुप्ता कहते हैं कि ऐसी बिमारियों में अंगूठे को हिलाने-डुलाने में दर्द होता है. हालांकि डेस्कटॉप-कीबोर्ड के लंबे समय तक यूज के कारण लोगों को दर्द होता है इसका कोई ठोस सबूत नहीं है. लेकिन इसमें बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि डेस्कटॉप की बोर्ड पर बार-बार टाइप करने से लोगों में दर्द की शिकायत होती है.
डॉ. राजू वैश्य कहते हैं कि ज्यादातर लोग टच स्क्रीन का इस्तेमाल गलत तरीके से और गलत पोस्चर में करते हैं.
स्ट्रेस से जुड़ी इंजरीज लोगों को तब भी हो सकती हैं जब वे टाइप करते समय अपनी कलाई पर ज्यादा दबाव डालते हैं या अपने हाथों को बहुत ज्यादा आगे या पीछे झुकाते हैं. इससे हाथों पर स्ट्रेस पड़ता है और इसके कारण होने वाली बीमारियों में कार्पेल टनेल सिंड्रोम सबसे आम बात है. यह कलाई में मीडियन नर्व पर प्रेशर पड़ने के कारण होता है.
अपनी गर्दन को एक ही पोजीशन में लंबे समय तक न रखें और थोड़ी-थोड़ी देर पर इसे आराम दे. अगर आप गर्दन एक ही पोजीशन में रखते है और उसमें दर्द, सुन्नपन या झनझनाहट को महसूस करते हैं तो अपनी गर्दन की पोजीशन तुरंत बदल ले और गर्दन को उसी पोजीशन में रखें जिसमें आपको आराम मिले.
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