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Hypertension: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने हाई ब्लड प्रेशर के वैश्विक प्रभाव पर अपनी पहली रिपोर्ट में कहा है कि अगर देश हाई ब्लड प्रेशर के इलाज को बढ़ा दें, तो 2023 और 2050 के बीच वैश्विक स्तर पर 76 मिलियन मौतों को रोका जा सकता है.
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि हाई ब्लड प्रेशर से प्रभावित लगभग पांच में से चार लोगों का पर्याप्त इलाज नहीं किया जाता है.
हाई ब्लड प्रेशर दुनिया भर में तीन में से एक व्यक्ति को प्रभावित करता है. 2019 में वैश्विक स्तर पर 1.3 बिलियन लोगों के हाई ब्लड प्रेशर से प्रभावित होने की बात रिपोर्ट में कही गई है.
हाई ब्लड प्रेशर एक घातक स्थिति है, जिससे गुर्दे की क्षति, स्ट्रोक, दिल का दौरा जैसी जानलेवा समस्याओं करना पड़ सकता है. जबकि बढ़ती उम्र हाई ब्लड प्रेशर के खतरे को बढ़ा सकती है, रिपोर्ट ने दूसरे जोखिम कारकों की भी पहचान की है जैसे:
अधिक नमक वाले खाद्य पदार्थों का सेवन
शराब-तंबाकू का सेवन
कम शारीरिक एक्टिविटी करना
इतना ही नहीं, शिकागो यूनिवर्सिटी के एनर्जी एंड पॉलिसी इंस्टीट्यूट की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 64.7% आबादी अत्यधिक प्रदूषित क्षेत्रों में रहती है.
ये सभी भारतीयों में हाई ब्लड प्रेशर के बढ़ते जोखिम का संकेत देते हैं.
रिपोर्ट भारत में सक्रिय WHO पहल, HEARTS जैसे हाई ब्लड प्रेशर कंट्रोल कार्यक्रमों के इम्प्लीमेंटेशन की सिफारिश करती है. भारत में हाई ब्लड प्रेशर कंट्रोल पहल (IHCI) 2018 से देश में पहले से ही लागू है.
इसके अलावा, हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज देखभाल पर विशेष ध्यान देने के साथ, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार 2025 तक हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज से पीड़ित 75 मिलियन रोगियों को स्टैण्डर्ड केयर पर रखने का लक्ष्य बना रही है.
रिपोर्ट व्यक्तियों के लाइफस्टाइल में बदलाव की भी सिफारिश करती है.
हाइपरटेंशन, जिसे हाई ब्लड प्रेशर भी कहा जाता है, एक सामान्य क्रोनिक कंडीशन है, जो दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रभावित करती है.
हाइपरटेंशन स्थायी होने का एक मुख्य कारण यह है कि यह एक पुरानी बीमारी है. पुरानी बीमारियां लंबे समय तक चलने वाली स्थितियां हैं, जिन्हें आगे की जटिलताओं को रोकने के लिए आमतौर पर मैनेज करने की आवश्यकता होती है. हाइपरटेंशन इस श्रेणी में आता है क्योंकि एक बार जब आप इसे विकसित कर लेते हैं, तो आशंका रहती है कि यह आपके साथ जीवनभर के लिए रहेगा.
इन हालातों और लोगों को हाई ब्लड प्रेशर की समस्या का खतरा हो सकता है:
उम्र: जब व्यक्ति की उम्र बढ़ती है, तो हाई ब्लड प्रेशर के खतरे में वृद्धि होती है. इसका कारण यह है कि ब्लड वेसल्स बढ़ती आयु के साथ अपना लचीलापन खो देते हैं, जिससे उन्हें ब्लड प्रेशर में बदलाव को संबोधित करने में अधिक मुश्किलों का सामना करना पड़ता है.
परिवार का इतिहास: परिवार में हाई ब्लड प्रेशर के इतिहास वाले व्यक्तियों को खतरा अधिक होता है. हाई ब्लड प्रेशर के विकास में आनुवांशिक यानी जेनेटिक कारक भी भूमिका निभा सकते हैं.
अनहेल्दी लाइफस्टाइल: खराब लाइफस्टाइल हाई ब्लड प्रेशर के खतरे को बढ़ाने का काम कर सकता है. इसमें खाने में अधिक मात्रा में नमक, कम शारीरिक गतिविधि, मोटापा, अधिक शराब पीना और धूम्रपान शामिल है.
स्ट्रेस: दिन-रात का तनाव वक्त के साथ हाई ब्लड प्रेशर को बढ़ा सकता है. तनाव के रिस्पांस में शरीर, हार्मोनों छोड़ता है, जो ब्लड वेसल्स को संकुचित (shrink) कर सकते हैं और ब्लड प्रेशर को बढ़ा सकते हैं.
बीमारियां : मेडिकल कंडीशंस जैसे कि डायबिटीज, किडनी रोग और हार्मोनल डिसऑर्डर हाई ब्लड प्रेशर का रिस्क बढ़ाते हैं.
नियमित व्यायाम: नियमित शारीरिक गतिविधियों में शामिल होने से ब्लड प्रेशर, तनाव और वजन कम होता है. साथ ही सामान्य कार्डियोवास्कुलर हेल्थ में भी सुधार होता है. तेज चलना, साइकिलिंग, स्विमिंग, स्ट्रेंथ ट्रेनिंग और योग जैसे व्यायाम हाइपरटेंशन को नियंत्रित करने में प्रभावी हो सकते हैं.
हेल्दी डाइट: फल, सब्जियां, सबूत अनाज, लीन प्रोडक्टस और लो डाइटरी प्रोडक्टस से भरपूर स्वस्थ आहार हाइपरटेंशन को कंट्रोल करने में मदद कर सकते हैं. इसके अलावा कम नमक खाना, प्रोसेस्ड और फैटी खाद्य पदार्थों से बचना और शराब की मात्रा सीमित करना ब्लड प्रेशर नियंत्रण पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है.
वेट मैनेजमेंट: स्वस्थ वजन बनाए रखना हाइपरटेंशन को कंट्रोल करने के लिए बेहद महत्वपूर्ण है. नियमित व्यायाम और स्वस्थ आहार के कॉम्बिनेशन से वजन कम करना और ब्लड प्रेशर के स्तर को कम करने में मदद मिलती है.
स्ट्रेस मैनेजमेंट: क्रोनिक स्ट्रेस ब्लड प्रेशर के स्तर में वृद्धि कर सकता है. मैडिटेशन, गहरी सांस लेना और माइंडफुलनेस को अभ्यास करने जैसी तनाव कम करने वाली गतिविधियों को फॉलो करने से हाइपरटेंशन को नियंत्रित किया जा सकता है.
धूम्रपान छोड़ें: धूम्रपान ब्लड प्रेशर के स्तर को बढ़ा सकता है और दिल और रक्त वाहिकाओं (vessels) को नुकसान पहुंचा सकता है. धूम्रपान छोड़ना हाइपरटेंशन के नियंत्रण पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है.
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