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ये बिना कोई नुकसान पहुंचाए शुरू हुआ. जैसे आधी रात में एक विशाल टारेंटयुला मकड़ी आपके शरीर पर कूद पड़ती है. (ठीक है, शायद बिना कोई नुकसान की बात कहना सही नहीं है.) चलिए, इसे उसी तरह कहते हैं, जैसे यह होता है- यह दैत्य अपने मुंह से नर्क की आग उगल रहा हो या अधिक सटीक रूप से - जैसा कि मेरे ब्वॉयफ्रेंड ने नरमी बरतते हुए इसके बारे में कहा- जैसे टर्मिनेटर किसी को पटक-पटक कर पीट रहा हो.
एक रात मैंने खुद को अपने दांत किटकिटाते पाया.
मैंने सोचा, यह कोई बड़ी बात नहीं है. मैंने साथ ही इसे अपने दिमाग से निकाल देने और जोर लगाकर अपने दांतों को अलग करने की कोशिश की. मेरा जबड़ा रॉक-पेपर-कैंची गेम में वाकई चट्टान जैसा महसूस हुआ. इसके बाद मैंने इसके बारे में कुछ और नहीं सोचा.
जब तक यह दोबारा नहीं हुआ. और फिर हुआ. और फिर. एक रात मैं अकेली सो रही थी. मेरी नींद भनभनाहट, किटकिटाहट की आवाज से खुली, जिसके बारे में मुझे यकीन था कि एक हिंसक जानवर था. बाबा यही कहेंगे, 'मैंने तुमसे पहले ही कहा था. तुमको अकेले नहीं रहने के लिए कहा था कि नहीं?,' मैंने दिमाग के घोड़े दौड़ाए और सोचा मैं इस हाल में कैसी लगती हूंगी.
तो मैंने यही किया.
लेकिन मुझे इसको समझने में थोड़ा वक्त लग गया. मुझे पहले से पता था कि क्या गलत है. मैं दांत किटकिटा रही थी - या ब्रुक्सिज्म, जैसा कि WebMD/Mayo Clinic ने मुझे बताया कि इसका यही नाम है. ब्रुक्सिज्म कई कारणों से हो सकता है: नींद में कमी या किसी दूसरी तरह की नींद की बीमारी, मैग्नीशियम की कमी, खब्बड़ दांत या एक असामान्य कौर.
ब्रुक्सिज्म एक और कारण से भी हो सकता है, जो मेरे मामले में मुझे पता था कि यह एनज़ाइटी (चिंता) है.
मैंने नींद भी खो दी, खास दिनों/ फैसलों / गतिविधियों को टाल दिया क्योंकि मैं वास्तव में उन्हें करने के डर को खत्म नहीं कर सकी, और किसी चीज के बारे में सोचते हुए घंटों बिताए- फिर खुद को भरोसा दिलाया- इस सबके बारे में फिर से सोचा- तो ... आप मुद्दा समझ गए.
मुद्दा यह है कि, मुझे पता था कि मैं क्यों अपने दांत किटकिटा रही थी, लेकिन मैं इस बारे में कुछ भी करने से बहुत डरती थी.
28 साल की उम्र में, और यह पता लगाने के बाद कि आप अपने जीवन के मध्य भाग में इससे ग्रस्त हैं, आप इससे निकलने का रास्ता देखना शुरू कर देते हैं. कोई चीज आपसे कह रही है कि आप पीछे की ओर नहीं जा रहे हैं.
कई हफ्तों तक मैंने तय किया इस बारे में मैं कुछ भी नहीं करने वाली, जब तक किटकिटाने की आवाज और तेज नहीं हो गई. मैंने एक दिन सुबह की मीटिंग के बीच में बेख्याली में खुद को दांत किटकिटाते पाया. अक्सर जकड़े हुए जबड़े के साथ मेरी नींद टूट जाती थी, जिससे सुबह नाश्ते में भी थोड़ी दिक्कत होती थी.
मुझे माउथ गार्ड से कोई फर्क नहीं पड़ता- और मैंने डॉक्टर से वादा किया कि मैं खुद एक माउथ गार्ड खरीद लूंगी. (आपको बता दूं कि, डेंटिस्ट के क्लीनिक में उपलब्ध माउथ गार्ड बहुत ज्यादा महंगा है और आप कहीं भी बाजार से सस्ता खरीद सकते हैं.)
हो सकता है कि इस समय आप भी दांत किटकिटा रहे हों. आप कुछ भी स्पष्ट नहीं कर सकते- लेकिन चिंता के साथ लंबी लड़ाई के संकेतों की अनदेखी करने और उम्मीद करने के बजाय कि कोई आपकी मदद करेगा, किसी भी तरह से, बाहर निकलें और मदद हासिल करें.
मुझे लगता है कि मेरे जबड़ों के किनारों पर उम्मीद की किरण है. यह बात आपके लिए भी सच हो सकती है.
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