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वजन कम करने के लिए काफी तेजी से लोग कीटोजेनिक डाइट अपना रहे हैं. मुझे इसके बारे में साल 2012 में पता चला और उसी समय से मैंने इसे अपना लिया. मैंने अपना एक तिहाई वजन इस डाइट से कम किया. मेरा वजन 120 किलोग्राम हुआ करता था. लेकिन कीटो डाइट अपनाने के बाद मेरा वजन 40 किलो तक कम हुआ और आज के समय में मैं 80 किलो का हूं.
मैंने महसूस किया है कि वजन कम करना आसान काम नहीं है. न ही यह तुरंत हो सकता है. लेकिन आज के समय में कीटोजेनिक डाइट इस काम में काफी मदद करता है. इस वजह से ये काफी पॉपुलर भी हुआ है. लेकिन इसके साथ कुछ सावधानी रखने की जरूरत होती है.
कीटोजेनिक डाइट या कीटो डाइट हाई-फैट, सीमित प्रोटीन वाली डाइट है, जिसमें कार्बोहाइड्रेट बहुत कम या नहीं होता.
अगर आपने कीटोजेनिक डाइट शुरू किया है. बावजूद इसके आपका वजन कम नहीं हो रहा है. तो इसके पीछे कुछ कारण हो सकते हैं.
अगर आप पर्याप्त मात्रा में खाना नहीं खाएंगे, तो आपका वजन कम नहीं हो सकता. दरअसल कीटोजेनिक हाई फैट और सीमित प्रोटीन वाला डाइट होता है. लेकिन इसमें कार्बोहाइड्रेट नहीं होता है या बहुत कम होता है.
वजन कम करने के लिए एक तय मात्रा में प्रोटीन लेना भी बेहद जरूरी है. अगर आप कीटोजेनिक डाइट पर हैं, तो एक किलोग्राम वजन कम करने के लिए रोजाना कम से कम 1 ग्राम प्रोटीन लेना जरूरी है. बगैर प्रोटीन आपका पेट नहीं भरेगा. ऐसे में आपको शुगर की क्रेविंग होगी.
अगर आपको शुगर क्रेविंग होती है या दूसरे जंक फूड खाने का बहुत मन होता है, तो इसका मतलब है कि आप पर्याप्त प्रोटीन नहीं ले रहे. इसलिए पर्याप्त खाना खाएं और ये याद रखें कि शुगर से क्रेविंग शांत होती है जबकि प्रोटीन से आपकी भूख शांत होती है.
किटोसिस आपके शरीर को स्टोर हुए फैट का इस्तेमाल करने देता है. यहां डाइट में फैट और कार्बोहाइड्रेट के रोल को समझना जरूरी है. जहां प्रोटीन बिल्डिंग ब्लॉक है, वहीं फैट और कार्बोहाइड्रेट एनर्जी देते हैं. इसे इस तरह समझ सकते हैं कि अगर प्रोटीन किसी मशीन का पार्ट है, तो फैट और कार्बोहाइड्रेट उस मशीन को चलाने के लिए फ्यूल.
अगर आप अपने शरीर में ज्यादा फैट जमा नहीं करना चाहते हैं, तो शुगर इनटेक सीमित करना होगा.
आपका शरीर प्राकृतिक रूप से फैट ही बर्न करता है, लेकिन अगर आप उसे शुगर का विकल्प भी दे रहे हैं, तो सबसे पहले हमारा शरीर एनर्जी के लिए शुगर का ही इस्तेमाल करेगा. इससे आपके शरीर में फैट जमा होगा और आपका वजन कम होना मुश्किल होगा.
बहुत ज्यादा फैट लेना कीटोजेनिक डाइट नहीं है. बिल्कुल नहीं.
अगर आप ज्यादा फैट वाले फूड आइटम का इस्तेमाल करेंगे, तो आपका वजन कम होना काफी मुश्किल है. आप इस बात का खास ध्यान रखें कि रोजाना आपको 15 ग्राम से अधिक चीनी का इस्तेमाल नहीं करना है. साथ ही रोज के खाने में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा भी 30-50 ग्राम तक ही रखनी होगी.
अगर आप ज्यादा फैट वाले आइटम रोजाना खा रहे हैं, तो फिर आप ये नहीं कह सकते कि आप कीटोजेनिक डाइट पर हैं क्योंकि ऐसा कहने या करने से कोई फायदा नहीं होने वाला है.
आपकी इन आदतों की वजह से आपका वजन कभी कम नहीं हो पाएगा. इसलिए अगर आप कीटो डाइट पर हैं, तो इसे सही तरीके से फॉलो करे.
कीटोजेनिक डाइट की शुरुआत में, आपको थोड़ी थकान सी लगेगी क्योंकि शरीर में एनर्जी के लिए शुगर की बजाए फैट बर्न होता है. शुरुआत में सिर्र दर्द और थकावट आम है, लेकिन तभी जब आप पर्याप्त फैट नहीं ले रहे हों या बहुत कम प्रोटीन ले रहे हों.
आप इसे डाइट चेंज के रूप में नहीं देखकर अपने लाइफस्टाइल को चेंज करने के रूप में लें. सकारात्मक नजरिये से अगर आप इसका पालन करेंगे तो बहुत जल्द आपको इसका सही असर दिखने लगेगा.
एक और बात कि वजन किसी इंसान के सही स्वास्थ्य की निशानी नहीं होती है क्योंकि एक ही वजन वाले दो लोगों की शारीरिक संरचनाएं अलग-अलग हो सकती है.
अगर आपने वजन कम करने का फैसला कर लिया है, तो आप अपने मकसद पर डटे रहें. नियमित रूप से कीटोजेनिक डाइट का इस्तेमाल करें और ऊपर बताई गई गलतियों को करने से बचें. निश्चित रूप से आप अपने मकसद में कामयाब होंगे.
(विष्णु गोपीनाथ द क्विंट में काम करने वाले पत्रकार हैं. यह ब्लॉग उनके खुद के वजन कम करने और डाइट के निजी अनुभव पर आधारित है. फिट आपको सलाह देता है कि आप किसी डॉक्टर/ न्यूट्रिशनिस्ट से परामर्श लेने के बाद ही किसी तरह की डाइट शुरू करें. )
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Published: 20 Jun 2018,12:07 PM IST