advertisement
World Kidney Day 2023: हर साल मार्च के दूसरे गुरुवार को दुनिया भर में वर्ल्ड किडनी डे मनाया जाता है. गुर्दे इंसानों के शरीर के सबसे प्रमुख अंगों में से हैं, जो काफी महत्वपूर्ण काम करते हैं. किडनी शरीर में ब्लड को साफ रखते हैं और ब्लड फ्लो में मौजूद अधिक फ्लूड और वेस्ट को शरीर से बाहर निकालकर ब्लड का केमिकल बैलेन्स भी बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.
क्या हैं किडनी की बीमारी के शुरुआती लक्षण? किडनी की बीमारी कब खतरनाक हो जाती है? लाइफस्टाइल की किन आदतों से किडनी की बीमारी का रिस्क बढ़ता है? इससे कैसे बचा जा सकता है? आइए एक्सपर्ट्स से जानते हैं किडनी से जुड़े सवालों के जवाब.
कुछ आम लक्षणों में शामिल हैं:
चेहरे और पैरों में सूजन
पेशाब में झाग आना
वजन घटना
भूख कम लगना
नींद कम आना
डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस, पॉलीसिस्टिक किडनी रोग, सिस्टिक रोग, हेरिडिटरी किडनी समस्या और पथरी समेत कई रोग किडनी को प्रभावित कर सकते हैं.
जब किडनी की कार्य क्षमता 15% से कम हो जाए. ऐसा होने पर कई बार ये लक्षण दिख सकते हैं:
पेशाब कम होना
शरीर में अधिक तरल पदार्थ के कारण सांस लेने में कठिनाई होना
जब भी किडनी रोग या किडनी संबंधी कोई समस्या बढ़ती है, तो आपका शरीर आपको इसकी चेतावनी कुछ प्रमुख लक्षणों के जरिए देता है, जैसे कि
ज्यादा या बेहद कम मात्रा में पेशाब आना
पेशाब में खून आना
पैरों और टखनों में सूजन
लगातार थकान रहना
पेशाब करने की आदतों में बदलाव
मितली आना और उल्टी आना
मांसपेशियों में क्रैम्प
भूख न लगना
सांस फूलना
डॉ. श्याम बिहारी बंसल ने फिट हिंदी से कहा, "किडनी की बीमारियों के लिए प्रमुख जोखिम कारकों में डायबिटीज, हाइपरटेंशन, किडनी में पथरी, किडनी या हार्ट प्रॉब्लम की फैमिली हिस्ट्री, वृद्धावस्था, धूम्रपान, हृदय रोग शामिल हैं". लाइफस्टाइल की ये आदतें बढ़ाती हैं किडनी रोग का खतरा:
खराब खानपान (अधिक चीनी या नमक खाना)
पानी कम पीना
बिना डॉक्टर की सलाह के पेन किलर्स खाना
धूम्रपान
शराब का सेवन
प्रोसेस्ड फूड का सेवन
अधिक वजन होना
एक्सरसाइज नहीं करना
गुर्दे (किडनी) के रोगों से खुद को बचाने के लिए कई तरह के बदलाव लाइफस्टाइल में लाए जा सकते हैं.
हर दिन पर्याप्त मात्रा (8-10 गिलास) में पानी पिएं. शरीर में पानी की सही मात्रा रहने से टॉक्सिन्स और वेस्ट को बाहर निकालना आसान होता है और किडनी (गुर्दे/गुर्दों) में पथरी की समस्या से भी बचाव होता है.
कम नमक, चीनी और सैचुरेटेड फैट वाला भोजन लें और जितनी जल्दी हो खानपान के सेहतमंद विकल्पों जैसे कि फलों, जूस, सब्जियों और साबुत अनाज को अपनी डाइट में शामिल करें.
किडनी रोगों से बचाव के लिए लोगों को जितना हो सके प्रोसैस्ड और फास्ट फूड्स के सेवन से बचना चाहिए और पोषक तत्वों से भरपूर सेहतमंद भोजन करना चाहिए.
नियमित रूप से स्वास्थ्य पर ध्यान दें और हेल्थ चेक उप कराते रहें. अपने ब्लड शुगर, ब्लड प्रेशर की जांच करते रहें क्योंकि यह देखा गया है कि डायबिटीज (मधुमेह) और हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित लोगों में गुर्दों के रोगों की आशंका अधिक होती है. इसलिए, नियमित रूप से हेल्थ चेकअप करवाते रहें, ऐसा कर आप अपनी किडनी की सेहत का ध्यान रख सकते हैं और शरीर में किडनी के रोगों के पैदा होने से बच सकते हैं.
सबसे जरूरी है नियमित रूप से शारीरिक व्यायाम करना और इसे अपनी दैनिक दिनचर्या में शामिल करना. साथ ही, अपना आदर्श वजन मेंटेन करें और ब्लड प्रेशर घटाने पर ध्यान दें तभी क्रोनिक किडनी रोगों से बचाव हो सकेगा.
डॉ श्रीराम काबरा फिट हिंदी से कहते हैं, "किडनी से जुड़ी किसी समस्या का इलाज नहीं किया जाता तो यह आगे चलकर गंभीर स्वास्थ्य समस्या बन सकती है. अस्वस्थ किडनी ब्लड फ्लो में से फ्लूड, इलैक्ट्रोलाइट और वेस्ट पदार्थों को फिल्टर करने में अक्षम होती है. ऐसे में वेस्ट पदार्थ शरीर में जमा होकर पैरों, टखनों, पंजों और हाथों में सूजन पैदा कर सकते हैं. इसकी वजह से सांस फूलने की समस्या भी हो सकती है. इलाज न कराने पर कई बार जीवनघाती परिस्थितियां भी पैदा हो सकती हैं".
किडनी रोगों के कारण शरीर में कैल्शियम और फास्फोरस के स्तर को कंट्रोल करने में भी समस्या आती है, जो हड्डियों के रोगों का कारण बनता है और फ्रैक्चर के जोखिम को बढ़ाता है. इतना ही नहीं, यह शरीर के दूसरे भागों में भी कई समस्याओं को पैदा कर सकता है. खासतौर से हमारे दिल को प्रभावित कर कार्डियोवास्क्युलर रोगों का कारण बन सकता है. कई बार, कुछ गंभीर मामलों में लंबे समय से जारी किडनी रोगों के कारण किडनी फेल होने की समस्या भी खड़ी हो सकती है. ऐसा होने पर डायलसिस या किडनी ट्रांसप्लांट कराना जरूरी हो जाता है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)
Published: undefined