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क्यों कुछ लोग जमकर खाते हैं फिर भी स्लिम दिखते हैं?  

मेटाबॉलिज्म तय करता है आपके मोटापे का बढ़ना और घटना. कसरत से बढ़ा सकते हैं धीमा मेटाबॉलिज्म.

निकिता मिश्रा
फिट
Updated:
इतना खाने के बावजूद भी मोटापा नहीं. बढ़िया है ! 
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इतना खाने के बावजूद भी मोटापा नहीं. बढ़िया है ! 
(फोटो: iStock) 

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हम सभी के पास एक ऐसा दोस्त जरूर होता है जो कुछ भी खा ले पर मोटा नहीं होता. पीज्ज़ा से लेकर को, तला-भुना या फिर जमकर बीयर, कुछ भी खा ले पर उसका पेट बाहर नहीं निकलता है और वह हमेशा स्लिम ही दिखता है.

क्या ऐसे लोग अनुवांशिक तौर पर छरहरे होते हैं? या फिर उनका मेटाबॉलिज्म बाकियों से तेज होता है? और अगर ऐसा है तो क्या सामान्य मेटाबॉलिज्म वाले लोगों को पूरे जीवन मोटापा घटाने के लिए संघर्ष करते रहना पड़ेगा?

इन प्रश्नों का जवाब हां या नहीं से कहीं अधिक जटिल हो सकता है. पर हां, किसी व्यक्ति का मेटाबॉलिज्म जन्म से ही तेज या धीमा हो सकता है. साथ ही, आपके डीएनए के कारण कैसा भी मेटाबॉलिज्म हो, इसे बदला जा सकता है.

कैसे प्रभावित करता है मेटाबॉलिज्म?

यह कैलोरी लेने और बर्न करने जितना आसान नहीं है (फोटो: iStock)

उंगलियों की छाप की तरह हर किसी का मेटाबॉलिज्म अलग होता है. मेटाबॉलिज्म आपके मोटापे को बढ़ाता या घटाता है, इसका कोई सीधा प्रमाण नहीं है. मेटाबॉलिज्म का धीमा या तेज होना मेटाबॉलिक रेट निर्धारित करती है, जिसे बेसल मेटाबॉलिक रेट (बीएमआर) भी कहते हैं.

यह आराम के दौरान कैलोरी बर्न होने की मात्रा है. यानी आप जब आराम करते हैं तब भी आपका शरीर सक्रिय रहता है, अंग काम करते हैं, कोशिकाएं बढ़ती और मरती हैं, पाचन होता है और ऊर्जा का उपयोग भी है. अगर आपके शरीर को कम कैलोरी की जरूरत होती है तो अतिरिक्त कैलोरी जमा होती हैं जिससे मेटाबॉलिज्म धीमा होता है वहीं अधिक बीएमआर वाला व्यक्ति आराम के दौरान भी अधिक कैलोरी बर्न करता है.

क्योंकि मांसपेशी वसा से अधिक कैलोरी जलती हैं, तो मांसल शरीर वालों का मेटाबॉलिज्म स्वाभाविक रूप से तेज होता है. यही वजह है कि महिलाओं की तुलना में पुरुषोंमें मेटाबॉलिज्म की दर अधिक होती है. (फोटो: iStock) 

लेकिन आराम के दौरान कैलोरी बर्न क्या होता है? मसल्स और फैट्स से एक जैसी ही कैलोरी बर्न नहीं होती है. जहां एक दिन में एक पाउंड मसल्स से 35 कैलोरी बर्न होती हैं वहीं फैट्स के एक पाउंड से केवल 2 कैलोरी ही बर्न होती हैं.

मसल्स की अधिकता से कैलोरी बर्न होने की गति भी बढ़ती है और बीएमआर बढ़ता है. वेट ट्रेनिंग कसरतें इसलिए बीएमआर बढ़ाने का प्रभावी रास्ता है. इसलिए अगर अनुवांशिक तौर मेटाबॉलिज्म धीमा है तो भी आप इसे बढ़ा सकते हैं.

हालांकि कई अनुवांशिक समस्याएं मेटाबॉलिज्म को प्रभावित भी कर सकती हैं. मसलन, हाइपोथायरॉइडिज्म के दौरान मेटाबॉलिज्म घटने लगता है जबकि हाइपरथायरॉइडिज्म के दौरान मेटाबॉलिज्म तेज हो जाता है.

तीखी मिर्च और ग्रीन टी बढ़ा सकती हैं मेटाबॉलिज्म?

मेटाबॉलिज्म तेज करने वाली चीजें खाने की बजाय अधिक चलने पर ध्यान देना चाहिये. (फोटो: iStock)

छोटा सा जवाब है “संतुलित आहार”. अब अगर आपका लक्ष्य फैट घटाना हैतो आपको डाइटमें कार्बोहाइड्रेट युक्त भोजन कम लेना चाहिए और अगर आप मसल्स बनाना चाहते हैं तो प्रोटीन पर्याप्त मात्रा में लें.

आपके सोने का रुटीन, तनाव का स्तर आदि भी मेटाबॉलिज्म को प्रभावित करता है, इसलिए डाइट के साथ-साथ कसरत भी जरूरी है.

जिनका मेटाबॉलिज्म धीमा है उनका संघर्ष कभी नहीं कम होता. इसलिए, दूसरों से अपनी तुलना छोड़िए, सेहतमंद खाइये, फिट रहिए और हेल्थ चेकअप करवाते रहिए.

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Published: 07 Mar 2018,04:20 PM IST

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