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बिहार, असम,मणिपुर, सिक्किम, झारखंड,त्रिपुरा के छात्र CUET टेस्ट से पाएंगे ग्रेजुएशन कोर्स में प्रवेश

सीयूईटी पर 6 राज्यों के विश्वविद्यालयों और यूजीसी के बीच शुरू हुई बातचीत

IANS
गुड न्यूज
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नई दिल्ली, 11 अप्रैल (आईएएनएस)। यूजीसी ने सभी राज्य सरकारों और प्राइवेट विश्वविद्यालयों से छात्रों को अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों में प्रवेश देने के लिए कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) अपनाने की अपील की है। असम, मणिपुर, सिक्किम, झारखंड, त्रिपुरा और बिहार जैसे राज्यों के विश्वविद्यालयों से इस विषय में चर्चा की गई है। यदि चर्चा सफल रही तो इन राज्यों के छात्र भी अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों में कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट के जरिए ही प्रवेश पाएंगे. यूजीसी ने निजी शिक्षण संस्थानों से कहा है कि शैक्षणिक सत्र 2022-23 से ही स्नातक कार्यक्रमों में सीयूईटी को अमल में लाने की कोशिश करें।

यूजीसी के चेयरमैन प्रोफेसर एवं जगदीश कुमार ने सोमवार को विभिन्न राज्य स्तरीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से सेंट्रल यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट के विषय पर चर्चा की। यूजीसी के चेयरमैन ने जिन राज्यों के विश्वविद्यालयों सीयूईटी का हिस्सा बनने को लेकर चर्चा की है उनमें असम, मणिपुर, त्रिपुरा, सिक्किम, झारखंड और बिहार शामिल है।

यूजीसी के चेयरमैन प्रोफेसर एम जगदीश कुमार ने इस विषय में जानकारी देते हुए बताया कि सोमवार को उन्होंने असम, मणिपुर, सिक्किम, त्रिपुरा, बिहार और झारखंड के राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से चर्चा की। उन्हें यूजी प्रवेश के लिए कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) अपनाने की आवश्यकता के बारे में बताया गया। यूजीसी चेयरमैन का कहना है कि कुलपतियों ने सीयूईटी को अपनाने पर काम करने पर सहमति जताई है।

यूजीसी की मदद से शिक्षा मंत्रालय केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय भी प्राइवेट विश्वविद्यालयों को भी सेंट्रल यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) का हिस्सा बनने के लिए प्रोत्साहित कर रहा। यदि यह प्रयास संभव हो पाता है तो प्राइवेट विश्वविद्यालयों, राज्य स्तरीय विश्वविद्यालयों और डीम्ड विश्वविद्यालयों के छात्रों के लिए यह एक कदम महत्वपूर्ण होगा। टाटा यूनिवर्सिटी ऑफ सोशल साइंस मुंबई और हरिद्वार के गुरुकुल कांगड़ी जैसे संगठनों ने यूजीसी के साथ हुई बैठक में सीयूईटी का हिस्सा बनने में रुचि दिखाई है।

फिलहाल सीयूईटी पर लिया गया केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) का फैसला देश के सभी 45 केंद्रीय विश्वविद्यालयों पर लागू होता है। यूजीसी द्वारा लिए गए निर्णय के मुताबिक देश के सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों को अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए सेंट्रल यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट आयोजित करने होंगे।

यूजीसी के सचिव रजनीश जैन ने इसके लिए बाकायदा सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के कुलपतियों और निदेशकों को सीयूईटी अपनाने के लिए पत्र लिखा है। वही देश के आठ डीम्ड विश्वविद्यालयों ने अपने स्नातक कोर्सों में छात्रों को दाखिला देने के लिए सीयूईटी अंकों का इस्तेमाल प्रारंभिक सहमति दी है।

हरिद्वार का गुरुकुल कांगड़ी, दिल्ली का जामिया हमदर्द, मुंबई स्थित टिस, गांधीग्राम ग्रामीण संस्थान, आगरा डिंडीगुल दयालबाग शैक्षणिक संस्थान, कोयंबटूर का अविनाशीलिंगम इंस्टीट्यूट ऑफ होम साइंसेज, कोलकाता स्थित रामकृष्ण विवेकानंद शैक्षणिक अनुसंधान संस्थान और अहमदाबाद का गुजरात विद्यापीठ सीईयूटी के लिए प्रारंभिक सहमति देने वाले संस्थानों में शामिल है। इन संस्थानों के प्रतिनिधियों ने यूजीसी के चेयरमैन एम जगदीश कुमार से मुलाकात भी की है।

राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी यानी एनटीए ने विश्वविद्यालय में दाखिले के लिए कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट की अधिसूचना जारी कर दी है। देश भर के सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों में अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए एडमिशन यह फॉर्म 6 अप्रैल से वेबसाइट पर उपलब्ध कराए जा चुके हैं। एडमिशन के लिए कॉमन एंट्रेंस टेस्ट का फॉर्म भरने की अंतिम तिथि 6 मई 2022 है।

--आईएएनएस

जीसीबी/एएनएम

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Published: 12 Apr 2022,10:35 AM IST

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