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(साल 2020 हम सबके लिए काफी मुश्किल भरा रहा है. संकट के इस पूरे साल में "गुड न्यूज 2020" के जरिए हम आपका ध्यान उन घटनाओं और पलों की तरफ केंद्रित करना चाहते हैं, जिन्होंने इस मुश्किल भरे वक्त में भी उम्मीद पैदा की है. ये कहानी है अलका बरबले की , जिन्होंने इस साल लॉकडाउन के दौरान कोरोना पर कॉमिक लिख डाली.)
कोरोना वायरस, नाम सुनते ही हर किसी के जहन में तनाव, डर, चिड़चिड़ापन, गुस्सा, दुख जैसी भावना आने लगती है. महामारी के इस वक्त में हर कोई किसी न किसी कारण से परेशान है. मुझे याद है जब देश में जनता कर्फ्यू के बाद लॉकडाउन लगा, बड़े तो बड़े, छोटे मासूम बच्चे भी कोरोना को लेकर तरह तरह की कहानियां सुनाते थे.
कुछ वक्त तक मैंने ऐसा किया और बच्चों को कहानी सुनाते सुनाते मैंने गो कोरोना गो की एक कहानी तैयार कर ली. इस कहानी में एक सुपर हीरो है जो शक्तिमान और नागार्जुन टाइप बच्चों के साथ मिलकर वायरस से लड़ता है. पीपीई किट पहनकर वह बच्चों के साथ मरीजों को अस्पतालों तक पहुंचाता है और खुद को वायरस से दूर रखने के तौर तरीके भी बताता था. बस फिर क्या था? देश के करोड़ों बच्चों तक सुपर हीरो वीरा की यह कहानी पहुंचाने के लिए मैंने गो कोरोना गो कॉमिक्स को शब्दों का रुप देना शुरू किया. अब यह कॉमिक्स 25 दिसंबर को मार्केट में आने वाली है.
गो कोरोना गो की कहानी पांच स्कूली बच्चों से शुरू होती है, जोकि लॉकडाउन की खबर सुनकर काफी परेशान हो गए. उनके एग्जाम चल रहे थे, लेकिन अचानक से सबकुछ बंद होने की वजह से उन्हें एग्जाम की टेंशन होने लगी. तभी टीवी पर कोरोना की खबरें सुनीं तो वे सभी घबरा गए.
बस यहीं से इन बच्चों की सार्स-कोविड 19 वायरस को चकमा देने की कहानी शुरू होती है और सुपर हीरो वीरा कहानी के बीच में जन्म लेता है. वीरा कोरोना वायरस को हराने के बाद अंत में बच्चों को बताता है कि उन्हें अब आगे भी कोरोना से बचकर रहना है. यह बहरुपिया वायरस कभी भी सामने आकर उन्हें परेशान कर सकता है.
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