advertisement
आईपीएल 2021 के लीग स्टेज खत्म होने के साथ मुंबई इंडियंस, पंजाब किंग्स, राजस्थान रॉयल्स और सनराइजर्स हैदराबाद का इस सीजन सफर भी खत्म हो गया. ये चारों टीम प्लेऑफ में जगह नहीं बना पाई.
इन टीमों के फैन्स इन्हें प्लेऑफ में खेलते हुए देखना चाहते थे, ऐसे में बाहर होने से इनके सपोर्टर्स में खासी मायूसी है. आइए देखते हैं कि इन टीमों से कहां चूक हुई कि ये प्लेऑफ में अपनी जगह नहीं बना पाए.
जब तक कि टूर्नामेंट UAE में शिफ्ट नहीं हुआ था, तब तक मुंबई के लिए ज्यादा कुछ नहीं बिगड़ा था. उन्होंने पहले भाग में भारत में अपने सात मैचों में से चार जीते थे, लेकिन UAE में टीम को जीत के लाले पड़ गए और झोली में सिर्फ 3 ही जीत आईं. अंत में नेट रन रेट में मुंबई, कोलकाता से पीछे रह गई और क्वालीफाई नहीं कर पाई.
जैसा कि कप्तान रोहित शर्मा ने पिछले लीग मैच से पहले कहा था, उन्होंने "यूएई में अच्छी बल्लेबाजी नहीं की"और इससे उन्हें प्लेऑफ की कीमत चुकानी पड़ी.
मुंबई अपने पावर हिटिंग बैटिंग लाईनअप के लिए जाना जाता है और उनहें तब झटका लगा जब बल्लेबाजों की हिटिंग कमजोर पड़ गई. क्विंटन डी कॉक की स्ट्राइक रेट उनके पिछले तीन मैचों में 105 से कम हो गई. जब सख्त जीत की जरूरत थी, तो रोहित ने दो बार सिंगल डिजिट स्कोर बनाया.
लगातार दूसरे साल पंजाब किंग्स 12 अंकों के साथ तालिका में छठे स्थान पर रही. एक नए नाम के साथ सीजन की शुरुआत करते हुए, पंजाब किंग्स ने जीत के साथ अपने अभियान की शुरुआत की, लेकिन अपने अगले सात मैचों में से पांच में हार का सामना करना पड़ा.
UAE में भी जीत हासिल करने के लिए उनका संघर्ष जारी रहा. उन्होंने अपने पिछले तीन गेम जीते, लेकिन खराब नेट रन रेट के कारण प्लेऑफ की दौड़ से बाहर हो गए.
राहुल और मयंक अग्रवाल पर उनकी अधिक निर्भरता बहुत ज्यादा रही. निकोलस पूरन अपने 2020 के आईपीएल फॉर्म को फिर से हासिल नहीं कर सके. मध्य क्रम में अनकैप्ड भारतीय - दीपक हुड्डा, सरफराज खान और शाहरुख खान भी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सके.
उनका मध्य क्रम का इस सीजन में दूसरा सबसे खराब बल्लेबाजी औसत (16.68) था. राहुल लगातार चौथे साल टूर्नामेंट में टॉप तीन स्कोरर्स में शामिल थे. के एल राहुल का दस मैचों में स्ट्राइक रेट सिर्फ 114 के करीब था.
राजस्थान रॉयल्स की टीम 14 मैचों में पांच जीत के साथ सातवें स्थान पर रही. पिछले सीजन में आखिरी स्थान पर थी. रॉयल्स ने पहले भाग में सात मैचों में से सिर्फ तीन में जीत हासिल की और UAE में भी अपने सात मैचों में से सिर्फ दो में जीत हासिल की.
राजस्थान के दो बड़े खिलाड़ी बेन स्टोक्स और जोफ्रा आर्चर इस सीजन उनके साथ नहीं थे. बटलर भी दूसरे हाफ में नहीं थे. सैमसन, जिन्होंने अपने नौ साल के आईपीएल करियर में 14 मैचों में 484 रन बनाकर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया, वह भी टॉप ऑर्डर में एक ताकत थे.
मध्यक्रम उनकी कमजोर कड़ी बना रहा और लियाम लिविंगस्टोन और ग्लेन फिलिप्स ज्यादा मदद नहीं कर सके. गेंद से भी प्रदर्शन खराब ही रहा. मॉरिस न UAE में पहले तीन मैचों में बिना विकेट लिए गए बल्कि महंगे भी थे. कार्तिक त्यागी, चेतन सकारिया और मुस्तफिजुर रहमान के कुछ अच्छे व्यक्तिगत प्रदर्शन थे लेकिन टूर्नामेंट के अंत में आते आते लगातार फेरबदल अच्छा साबित नहीं हुआ.
अपने आखिरी मैच में तो टीम सिर्फ 85 रनों पर ऑल आउट हो गई.
सनराइजर्स हैदराबाद में 2020 सीजन की तुलना में सबसे ज्यादा गिरावट देखी गई. उन्होंने IPL 2021 को 14 मैचों में सिर्फ तीन जीत के साथ समाप्त किया. जब भारत में पहला चरण शुरू हुआ तो उन्होंने अपनी पहली जीत दर्ज करने के लिए चार मैच खेले. उनके पहले नौ मैचों में से सिर्फ एक जीत का मतलब था कि उनका सीजन पहले ही खत्म हो गया था.
डेविड वार्नर के लिए फॉर्म की कमी और UAE में जॉनी बेयरस्टो के न होने का मतलब था कि उनके गेंदबाजों को फिर से भारी भार उठाना पड़ा. अनुभवहीन और कमजोर मध्य क्रम बड़ी कमी रहा और जब उन्होंने पहले बल्लेबाजी की तो उन्होंने पांच कोशिशों में सिर्फ दो बार 135 रन बनाए और उनमें से केवल एक का सफलतापूर्वक डिफेड किया.
गेंदबाजी में भी टी नटराजन की कोविड -19 के चलते छुट्टी ने बहुत प्रभावित किया और गैर-स्विंग परिस्थितियों में संदीप शर्मा और भुवनेश्वर कुमार की हाई इकॉनमी ने भी मदद नहीं की.
राशिद खान एक बार फिर उनके प्रमुख गेंदबाज थे और जेसन होल्डर ने भी अपने स्ट्राइक से उन्हें यूएई अच्छा किया लेकिन पूरी सनराइजर्स एसा नहीं कर पाई.
(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)