Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Ipl t20  Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019 CSK Vs KKR: धोनी के रविंद्र जडेजा ‘सर’ की पहेली और पावर  

CSK Vs KKR: धोनी के रविंद्र जडेजा ‘सर’ की पहेली और पावर  

क्या है जडेजा की शख्सियत का विरोधाभास?

विमल कुमार
IPL 2024
Updated:
रविंद्र जडेजा ने खेली आतिशी पारी
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रविंद्र जडेजा ने खेली आतिशी पारी
(फोटो: @imjadeja/ट्विटर)

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क्रिकेट में अपने खेल के चलते ‘सर’ की उपाधि पाना एक जमाने में बहुत बड़ी बात मानी जाती थी. सर डॉन ब्रैडमैन, सर गैरी सोबर्स, सर लेन हटन इत्यादि. जब भी महान खिलाड़ियों को संबोधित करने की बात आती तो ब्रिटिश परंपरा के मुताबिक खिलाड़ियों के लिए महानता का इससे बेहतर संबोधन कुछ और नहीं होता. लेकिन वक्त बदला और दुनिया में ब्रिटेन की हस्ती भी बदली.

क्रिकेट के कई मुल्कों ने, जिसमें भारत भी शामिल रहा, सर शब्द की अहमियत को ही खत्म कर दिया. अगर सुनील गावस्कर और कपिल देव सर कहलाने के योग्य नहीं तो इस उपाधि के क्या ही मायने रहे जाते हैं.

नई पीढ़ी में जब रविंद्र जडेजा जैसे खिलाड़ी आए तो धोनी जैसे खिलाड़ी ने शायद अनजाने में ही सर शब्द का मजाक बनाते हुए सौराष्ट्र के इस ऑलराउंडर को ये उपाधि दे डाली. उसके बाद तो सोशल मीडिया की नई पीढ़ी ने इसे गंभीर और हल्के दोनों तौर पर लेना शुरू कर दिया. 
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जडेजा की शख्सियत का विरोधाभास

कई मायनों में यही जडेजा की शख्सियत का विरोधाभास है. जो खिलाड़ी फर्स्ट क्लास क्रिकेट में एक या दो नहीं तीन तिहरे शतक लगाए, फिर भी उस खिलाड़ी की काबिलियत का ये कहकर मजाक उड़ा दिया जाए कि अरे वह तो राजकोट की फ्लैट पिचों पर बना रिकॉर्ड है .

अगर बाएं हाथ के स्पिनर के तौर पर वह 200 टेस्ट विकेट का सफर सबसे जल्दी तय करते हैं तो आलोचक ये कह डालते हैं कि- अरे वह तो भारत की स्पिन पिचों पर ही सिर्फ प्रभावशाली हो सकता है.

लेकिन, जडेजा की खासियत है कि ऐसी बातों का उन पर कोई भी असर नहीं होता है. ठीक वैसे ही जैसे गुरुवार की रात को दुबई में आखिरी 2 ओवर में चेन्नई को 30 रन की जरूरत थी और 19वां ओवर लॉकी फर्ग्यूसन डाल रहे थे. पहले तीन गेंदों पर चेन्नई के सिर्फ 3 रन बने लेकिन चौथी गेंद पर नो बॉल हुई और जडेजा को फ्री हिट मिला. उसके बाद क्या..एक छक्का और एक चौका और मैच चेन्नई की झोली में. आखिरी ओवर में 10 रन की औपचारिकता थी जिसे जडेजा ने फिर से आखिरी गेंद पर एक और छक्का लगाते हुए पूरा कर दिया. सिर्फ 11 गेंद पर 31 रन और वो भी 3 छक्के ने जडेजा को मैच का हीरो बनाया भले ही वो मैन ऑफ द मैच नहीं चुने गए.

(फोटो: क्विंट हिंदी)

वैसे, जडेजा का चाहे कोई कितना भी मजाक उड़ाता हो, इस खिलाड़ी जैसा आत्म-विश्वास बहुत कम में देखने को मिलता है. यही वजह है कि 2008 में शेन वॉर्न ने अंडर-19 के इस खिलाड़ी को रॉकस्टार कहकर पुकारा था. बहुत कम लोगों को याद हो कि जब 2008 में विराट कोहली ने मलेशिया में अंडर-19 वर्ल्ड कप जीता तो जडेजा भी उस विजयी टीम का हिस्सा थे. चेन्नई सुपर किंग्स के लिए जडेजा ने वही भूमिका निभाई है जो वह भारतीय क्रिकेट में धोनी की कप्तानी के दौर में किया करते थे.

ये सच है कि 2020 चेन्नई के लिए सबसे निराशाजनक रहा लेकिन जडेजा के लिए एक बार फिर से विरोधाभास की मुलाकात यहां होती है क्योंकि बल्लेबाज के तौर पर वह इतने आक्रामक और भरोसेमंद कभी नहीं दिखे. ये बात आपको इस सीजन में उनकी आतिशी पारियों में दिखने को मिल सकती है.
(फोटो: क्विंट हिंदी)

क्या मुमकिन है कि धोनी के कप्तानी छोड़ने के बाद जडेजा को भी ये जिम्मेदारी भविष्य में दी जा सकती है? इस बात पर आप हसेंगे और कह सकते हैं- क्या यार जडेजा ने कब और कहां कप्तानी की है..लेकिन, पूरे करियर में जडेजा तो वही काम करते आ रहें हैं, जिसकी उनसे कोई कभी उम्मीद नहीं करता है!

(20 साल से अधिक समय से क्रिकेट कवर करने वाले लेखक की सचिन तेंदुलकर पर पुस्तक ‘क्रिकेटर ऑफ द सेंचुरी’ बेस्ट सेलर रही है. ट्विटर पर @Vimalwa पर आप उनसे संपर्क कर सकते हैं.)

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Published: 30 Oct 2020,09:12 AM IST

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