Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Ipl t20  Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019SRH V DC: दिल्ली को शिखर पर ले जाने वाले धवन का अजीब IPL करियर

SRH V DC: दिल्ली को शिखर पर ले जाने वाले धवन का अजीब IPL करियर

फाइनल में अगर गब्बर का बल्ला चला तो दिल्ली पहली बार आईपीएल चैंपियन बन सकती है

विमल कुमार
IPL 2024
Updated:
फाइनल में अगर गब्बर का बल्ला चला तो दिल्ली पहली बार आईपीएल चैंपियन बन सकती है
i
फाइनल में अगर गब्बर का बल्ला चला तो दिल्ली पहली बार आईपीएल चैंपियन बन सकती है
(फोटो: Twitter/Shikhar Dhawan)

advertisement

अगर शिखर धवन के पूरे करियर को सिर्फ 6 हफ्ते के आईपीएल में बयां किया जा सकता तो शायद मौजूदा सीजन से बेहतर कोई और विकल्प नहीं होता. IPL 2020 में धवन ने ठीक वैसा ही खेल दिखाया है जिसके लिए वो जाने जातें हैं. जिस बल्लेबाज ने 12 सीजन तक आईपीएल में कोई भी शतक नहीं (167 मैचों तक आईपीएल में कोई शतक नहीं) लगाया था, वही अब आईपीएल के 2 मैचों में लगातार शतक लगाने वाला खिलाड़ी बन चुका है, आईपीएल इतिहास में ऐसा करने वाले वो पहले खिलाड़ी बन चुके हैं.

दिल्ली के लिए धवन का योगदान

हालांकि इसके बाद अगले 2 मैचों में लगातार शून्य पर वो भी पहली ही गेंद पर धवन आउट हो गए और रविवार को दिल्ली कैपिटल्स के लिए टूर्नामेंट के सबसे अहम मैच Qualifier 2 में मैच- जिताने वाली 78 रनों की पारी खेलने से पहले पिछले 5 मैचों में उनके नाम सिर्फ 1 अर्धशतक था. धवन को भले ही मैन ऑफ द मैच ना मिला हो लेकिन दिल्ली को पहली बार फाइनल तक ले जाने में गब्बर के 603 रनों का शानदार योगदान रहा है.

अगर धवन फाइनल में फिर से एक जोरदार पारी खेलतें है तो केएल राहुल (670 रन) से ना सिर्फ ऑरेंज कैप छीनने में कामयाब होंगे बल्कि दिल्ली को पहली बार चैंपियन भी बना देंगे.

अल्टीमेट टीम मैन

इसी सीजन धवन ने आईपीएल में अपने 5000 रन भी पूरे किए थे. लेकिन, धवन को मशहूरी ना तो विराट कोहली की तरह मिलती है और ना ही रोहित शर्मा की लीग में उन्हें गिना जाता है. लेकिन, कई मायनों में धवन अपने पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की तरह कूल हैं. भले ही वो कैप्टन कूल की भूमिका कभी ना निभा पायें लेकिन अल्टीमेट टीम मैन के तौर पर वो उतने ही कूल और शांत हैं जितने की धोनी हुआ करतें हैं.

नाकामी से नहीं होते हैं नाराज

2004 में दिल्ली के वेकेंटेश्वर कॉलेज में धवन से मेरी पहली मुलाकात अब भी जेहन में ताजा है क्योंकि उनकी शख्सियत कामयाबी और नाकामी के उतार-चढ़ान के दौरान कभी नहीं बदली है. 2004 अंडर 19 वर्ल्ड कप में टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले को अगले 6 सालों तक टीम इंडिया के लिए किसी भी फॉर्मेट में जगह नहीं मिल पाई, जबकि उन्हीं के बैच के साथी खिलाड़ी रुद्र प्रताप सिंह, दिनेश कार्तिक, सुरेश रैना, रॉबिन उथ्प्पा जैसे खिलाड़ी भारत के लिए स्टार बन चुके थे.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
2010 में धवन पहली बार सफेद गेंद की क्रिकेट के लिए टीम इंडिया में चुने गए. लेकिन, शुरुआती प्रभाव जमाने में नाकाम हुए और उन्हें फिर से अगले 3 साल के लिए घरेलू क्रिकेट की गुमनामी में भटकने के लिए छोड़ दिया गया.

शुक्रिया IPL, अगर तुम ना होते...

धवन हमेशा से ही आईपीएल के शुक्रगुजार रहें हैं, क्योंकि जब-जब वो हाशिए पर होते, आईपीएल में शानदार खेल उन्हें फिर से राष्ट्रीय टीम में दस्तक देने के मौके देता. आज जब भारतीय टीम में फिर से उनके बने रहने को लेकर दबी जुबान में सवाल उठ रहे थे तो धवन ने अपने करियर का सबसे बेहतरीन आईपीएल का नजारा पेश कर दिया है. इससे पहले कभी भी धवन का औसत (करीब 47) और स्ट्राइक रेट (करीब 146) है जो उनके करियर औसत और स्ट्राइक रेट से काफी बेहतर है.

निजी तौर पर भी धवन काफी विनम्र स्वभाव वाले दिलेर खिलाड़ी हैं और कई बार टीवी पर उन्होंने आलोचना करने वाली मेरी रिपोर्ट तो देखी और मायूस भी हुए लेकिन हमेशा हंसते हुए उन बातों का जिक्र किया. भारतीय क्रिकेट में मैंने कई ऐसे खिलाड़ियों को देखा है जो छोटी-सी-छोटी बात पर नाराज होकर कई सालों तक आपसे दूरियां बना बैंठते हैं. लेकिन धवन ऐसे नहीं है. वैसे, धवन से आप ये प्रेरणा ले सकतें हैं क्रिकेट की ही तरह जिदंगी भी आपको हमेशा और मौके देगी अगर आप में अपनी काबलियत पर यकीन करते हुए सही वक्त का इतंजार करने का सब्र होगा तो आप कभी भी शिखर पर पहुंच सकतें हैं.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 09 Nov 2020,11:38 AM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT