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अग्निपथ योजना (Agnipath Scheme) को लेकर देश के कुछ हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. कई शहरों में सरकारी संपत्तियों को आग के हवाले कर दिया गया. अग्निपथ योजना की सबसे बड़ी कमी यही बताई गई कि चार साल बाद 75 प्रतिशत को हटा दिया जाएगा. ना ही उन्हें पेंशन या स्वास्थ्य लाभ दिया जाएगा. वहीं 25 प्रतिशत को लंबे कार्यकाल और नियमित लाभ के लिए फिर से चुना जाएगा.
बिहार और उत्तर प्रदेश में आंदोलन शुरू हो गए. ये तेजी से उत्तर भारत के कई हिस्सों में फैल गए और फिर दक्षिणी क्षेत्रों में भी, खासकर तेलंगाना में. सरकार ने जल्द ही इस योजना में बदलाव भी किए लेकिन फिर भी आंदोलन जारी रहा.
अग्निपथ के तहत 17.5 साल की उम्र से लेकर 23 साल की उम्र तक के लोगों को नौकरी दी जाएगी. आकड़ों के अनुसार 2017 में 15-19 साल की आयु वालों में से 7% को रोजगार मिला, 2019 में 4%.
15-19 साल के एज ग्रुप में कम से कम ही होते हैं जिन्हें नौकरी की तलाश होती है. हालांकि ऊपर दिए गए ग्राफ से पता चलता है कि जिन्हें नौकरी की जरूरत होती है उन्हें भी नौकरी नहीं मिल पाती.
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