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नई नौकरी, लेकिन अजीब बॉस. तारीफ करने में कंजूस, बात-बात में डांटने वाला और हमेशा खुद क्रेडिट लेने वाला. आखिर उससे डील कैसे करें?
अगर ऑफिस से छूटने के बाद घर-परिवार के बीच रहकर भी बॉस के व्यवहार को लेकर आप काफी टेंशन में रहते हैं, तो आपको पूरी ईमानदारी से बॉस का रिव्यू करने की जरूरत है.
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लेकिन सबसे पहले कैसे पहचानें कि आपका बॉस सचमुच खड़ूस है? हम आपको बता रहे हैं वो 5 लक्षण, जो किसी भी बॉस के खड़ूस होने की ओर इशारा करते हैं. लक्षण के साथ ये भी जान लीजिए कि आपको करना क्या है.
दिनभर काम करके आपके दिमाग का दही हो चुका है. ये सोचकर मन को थोड़ी तसल्ली दे रहे हैं कि चलो अब छुट्टी होने में 15 मिनट ही बाकी है. घर जाने के लिए बैग में जरूरी फाइल और लैपटॉप संभालकर रखने की सोच रहे होते हैं. इतने में केबिन से बॉस का बुलावा आ जाता है. वो आपको घंटे-डेढ़ घंटे का काम और थमा देता है, ये कहकर कि काम अर्जेंट है.
अब आप मन मारकर ओवरटाइम में जुट जाते हैं और काम करते-करते भी अपने स्टूडेंट लाइफ के मस्ती भरे पुराने दिनों को याद करने लगते हैं.
अगर ऐसा सप्ताह में एक-दो बार होता है, तो ये मामूली बात है. लेकिन अगर आपके साथ ऐसा हर रोज होता है, तो बहुत मुमकिन है कि आपका बॉस आपके साथ ऐसा इरादतन कर रहा हो.
आप क्या करें:
अगर बॉस आपके गुण और दोष, दोनों की तरफ आंखें मूंदे रहता हो, तो कोई बात नहीं. बुराई और बड़ाई, दोनों की अनदेखी करने से हिसाब बराबर हो रहा है. अगर बॉस आपके बेहतर काम की तारीफ नहीं करता, केवल आपकी आलोचना करने के बहाने ढूंढता रहता है, तो मामला गड़बड़ है.
ये आलोचना अगर बंद केबिन में हो रही हो, इसके पीछे आपके परफॉर्मेंस में सुधार की चाह झलक रही हो, तो फिर भी ठीक है. अगर रोज-रोज पूरे ऑफिस के सामने लगातार आपके कामकाज की शिकायत हो रही हो, तो आप अपने बॉस को आप खड़ूस की लिस्ट में डाल सकते हैं.
आप क्या करें:
इस बारे में एकदम ठंडे दिमाग से विचार कीजिए. कहीं ऐसा तो नहीं कि ऑफिस में अपने कलीग से कंपिटीशन की वजह से आप ऐसा महसूस करने लगे हों कि बॉस केवल आपकी ही शिकायत करता है.
अब जरा अपनी मार्च और अप्रैल की सैलरी स्लिप पर गौर कीजिए. अपने और अपने सहकर्मियों के अप्रैजल की ओर देखिए. क्या आपको ऐसा लगता है कि आपके कलीग सालभर आपसे कम या क्वालिटी में कमतर काम करके भी आपसे आगे निकल गए? क्या आपके बॉस ने पूरी टीम की जगह केवल 'करीबियों' पर ध्यान दिया?
आप क्या करें:
अगर तमाम बातें इस ओर इशारा करते हों कि आपके साथ कुछ गलत हुआ है, तो फिर आपका बॉस सचमुच प्रणम्य है. आपको बॉस से इस बारे में बात करनी चाहिए.
क्या आपको ऐसा लगता है कि आपका बॉस छुट्टी देने के मामले में अक्सर आनाकानी करता है? क्या वह लीव एप्लीकेशन ये कहकर खारिज कर देता है कि काम का प्रेशर बहुत ज्यादा है?
अगर हां, तो जरा ये देखिए कि आपको और आपके डिपार्टमेंट के बाकी लोगों को वीकली ऑफ के अलावा और कितनी छुट्टियां मिलती हैं. एचआर की ओर से तय कुल छुट्टियों में से आपके ऑफिस के लोग कितनी छुट्टियां ले पाते हैं.
आप क्या करें:
इस बेहद टफ कंपिटीशन के दौर में हर किसी पर ज्यादा से ज्यादा बिजनेस लाने और टारगेट पूरा करने का दबाव है. अगर बॉस काम के प्रेशर की बात कहकर छुट्टी नहीं देता है, तो मुमकिन है कि वे सच्चाई ही बता रहा हो.
दफ्तर में लगातार काम का प्रेशर रहना एकदम नॉर्मल है. लेकिन क्या आपकी टीम में आपके ही साथ वालों को भी उतना ही काम थमाया जाता है, जितना आपको? कहीं ऐसा तो नहीं कि आप दिनभर अर्जेंट और बेहद जरूरी काम में दिमाग खपा रहे होते हैं और आपके कलीग फेसबुक-वॉट्सऐप पर वायरल वीडियो के मजे ले रहे होते हैं.
अगर ऐसा बॉस की जानकारी में या उनकी आंखों के सामने हो रहा हो, तो आपको एक बार सोचना की जरूरत है.
आप क्या करें:
जरा ये देखिए कि ऑफिस में जो लोग आपको मस्ती करते नजर आते हैं, वे अपना काम कैसे पूरा करते हैं. आपके और दूसरों के काम करने के तरीके में क्या फर्क है. कहीं ऐसा तो नहीं कि वे स्मार्ट तरीके से अपना काम पूरा कर लेते हों और आप हर बार झंझट वाले तरीके को पकड़कर बैठे रहते हों?
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