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दुबई में श्रीदेवी के निधन के बाद से फिल्म इंडस्ट्री समेत पूरा देश उन्हें श्रद्धांजलि देने में जुटा है. लेकिन एक तरफ कुछ और ही 'खेल' चल रहा है. ये खेल क्या है इसे समझने के लिए आपको 25 फरवरी को याद करना होगा. जैसे ही कार्डियक अरेस्ट के कारण श्रीदेवी के निधन की खबर आई, सोशल मीडिया में श्रीदेवी के तमाम सर्जरी और उसके कारण हुए नुकसान की खबरें तैरने लगी. किसी-किसी 'खबर' में तो ये भी कहा जाने लगा कि उनके अचानक निधन का कारण है कॉस्मेटिक सर्जरी.
लेकिन जब सोमवार को दुबई पुलिस ने उनका डेथ सर्टिफिकेट रिलीज किया तो पता चला कि निधन का कारण 'बाथटब में डूबना' था. अब ये भी तय करना था कि श्रीदेवी बाथटब में कैसे डूबीं, पोस्टमार्टम रिपोर्ट के इंतजार की बात कही जा रही थी. लेकिन इतना इंतजार किससे बर्दाश्त होता है? अटकलों, अनुमानों और कहानियों का दौर शुरू हो गया. देशभर के कई मीडिया चैनल शराब, श्रीदेवी और मौत के पीछे हाथ धोकर पड़ गए.
हिंदी न्यूज चैनल ABP News ने 'श्रीदेवी के अंतिम 15 मिनट की कहानी' बताने के लिए कुछ अजीबोगरीब ही कर दिया. बाथरुम का क्रोमा चलाकर पूरी कहानी बताई गई. उधर आजतक न्यूज चैनल बाथटब के विजुअल के जरिए 'अंतिम कहानी' बताने में जुटा रहा. टीवी पैकेज को रोचक की जगह हास्यास्पद बन गए.
इंग्लिश चैनल भी इस मामले में कहां पीछे रहने वाले थे. CNN News 18 ने भी श्रीदेवी को बाथटब में लेटा हुआ दिखाया. Time Now ने 'इंवेस्टीगेटिव डिस्प्ले' तैयार कर डाला था. सारे जोड़-घटाने लगा दिए गए, ऐसा लग रहा था कि आर्किमिडिज का सिद्धांत समझाया जा रहा है. रिपब्लिक टीवी थोड़ा और आगे बढ़ गया. श्रीदेवी के निधन को सुनंदा पुष्कर की मौत से लिंक करने लगा.
लेकिन ऐसी 'जबरदस्त रिपोर्टिंग' का अवॉर्ड तो तेलुगू न्यूज चैनल महा न्यूज को ही मिलना चाहिए. इस चैनल के क्राइम ब्यूरो चीफ तो बाथटब में खुद ही घुस गए और कई तरह की पोजिशन के साथ बताने लगे कि श्रीदेवी जब गिरी होंगी तो उनका एंगल कैसा होगा.
रिपोर्टर साहब का दावा था कि श्रीदेवी जरूर 3 फीट की ऊंचाई और 2 फीट की लंबाई वाला बाथटब इस्तेमाल कर रही होंगी (परेशान मत हों, हम भी कंफ्यूज हैं कि आखिर कवि कहना क्या चाहता है). जासूस व्योमकेश बख्शी से भी खतरनाक तरीके से इस रिपोर्टर ने कई क्लू बता डाले.
यहीं पर एक मिनट का मौन जरूरी है, ये मौन श्रीदेवी के निधन का नहीं है. इन रिपोर्टर्स की रिपोर्टिंग के लिए मौन है. जो साफ करता है कि हम यानी मीडिया कहां जा रहा है.
(Source: द न्यूज मिनट)
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