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My Not So Dear Yet Near कपिल शर्मा,
This is डॉक्टर मशहूर गुलाटी....I hope you still remember me.
जब से तुमने धरती से हजारों फीट की ऊंचाई पर फ्लाइट के अंदर फुल टल्ली होकर मुझसे गाली-गलौज और झगड़ा किया था, तभी से मेरे मन में तुम्हारे लिए कहने को तो बहुत कुछ था, लेकिन मुझे अब तक कोई सही मौका नहीं मिल रहा था. समझ में नहीं आ रहा था कि क्या कहूं, कैसे कहूं और कब कहूं? आखिर तुमसे तुम्हारा स्टारडम संभल जो नहीं रहा था. लेकिन जब से तुम्हारी नयी फिल्म 'फिरंगी' रिलीज हुई है, कसम से तुमसे अपने 'मन की बात' कहने के लिए बेहद कसमसा रहा हूं. इसलिए मैंने सोचा कि क्यों न एक चिट्ठी लिखकर ही तुमसे थोड़ी गुफ्तगू कर ली जाए.
कपिल भाई, सुना है तुम्हारी नयी फिल्म 'फिरंगी' को देखने के लिए लोग सिनेमा हॉल तक पहुंच ही नहीं रहे हैं. और जो लोग जैसे-तैसे पहुंच भी रहे हैं, वो गालियां देते हुए, या फिर आंसू बहाते हुए थियेटर से बाहर निकल रहे हैं. पता नहीं क्यों मुझे ऐसा लग रहा है कि फिल्म 'सुपर-फ्लॉप' होने की ओर बड़ी तेजी से बढ़ रही है. वैसे तुम्हारी पहली फिल्म 'किस किस को प्यार करूं' तो थोड़ी-बहुत चल भी गयी थी, लेकिन 'फिरंगी' का क्या होगा? सुना है फिल्म के प्रोड्यूसर होने के नाते तुमने 'फिरंगी' पर 25 करोड़ रुपये लगा दिए. लेकिन अब जब बॉक्स ऑफिस कलेक्शन को देखकर तुम्हारे चेहरे का रंग और हाथों के तोते, दोनों उड़ रहे हैं, तो पता नहीं क्यों मुझे कुछ अच्छा नहीं लग रहा भाई....आखिर हम दोनों ने इतने साल साथ काम जो किया है. खैर, तुम्हारे साथ मेरी पूरी हमदर्दी हैं. ये वक्त भी गुजर जायेगा.
'फिरंगी' के पिटने की जो बड़ी वजहें मुझे समझ में आती है, वो है तुम्हारा अपनी इमेज से बाहर जाकर किरदार निभाना. अरे कपिल भाई, सीधी सी बात है- तुमने लोगों के बीच में अपनी जो पहचान बनाई हैं, वो कॉमेडी की वजह से बनाई है. तुम लोगों को हंसाने का काम बखूबी करते हो, और लोग भी तुमसे हर बार यही उम्मीद करते हैं. तो तुम्हे इस फिल्म में भी वही काम करना चाहिए था, जैसा तुमने अपनी पहली फिल्म में किया था- कॉमेडी. लेकिन तुम्हारे सिर पर तो सीरियस एक्टिंग का भूत सवार था....तुम्हें तो दुनिया को दिखाना था कि तुम कॉमेडी के अलावा भी बहुत कुछ कर सकते हो. लेकिन तुम ये बात भूल गए कि अनूप जलोटा Pop और Rap गाकर कामयाब नहीं हो सकते. अरे यार, माना कि तुम सीरियस एक्टिंग भी अच्छी कर लेते हो, लेकिन उसे दिखाने के लिए छोटे परदे का इस्तेमाल करो न, जहां दर्शक हर तरह के Experiments बाइज्जत कबूल कर लेते हैं.
दूसरी गलती तुमने ये कर दी कि 'फिरंगी' के ट्रीटमेंट में तुमने 'लगान' की छाप छोड़ने की कोशिश कर दी. अब दर्शक जब ऐसी दो फिल्मों की तुलना करेंगे, जिनमें जमीन-आसमान का फर्क हो, तो नतीजा यही निकलना है, जो तुम्हारी फिल्म का निकल रहा है.
तो याद रखो, ये बॉलीवुड है भाई ! यहां ऐसे जोखिम भरे प्रयोग नहीं किये जाते, जहां किसी भी कलाकार को अर्श से फर्श पर लाने में दर्शक ज्यादा समय नहीं गंवाते.
मैं समझ सकता हूं कपिल बाबू कि तुम्हें अपनी इस नाकामयाबी पर बड़ा अफसोस हो रहा होगा, लेकिन अब तुम कर भी क्या सकते हो? वैसे अफसोस करने की तो तुम्हें अब आदत सी हो गयी होगी, है न? पहले गलतियां करते हो, बाद में अफसोस करते हो. लेकिन जब जागो, तभी सवेरा. तुमने अपने गुरूर के गुलाम होकर जितनी भी गलतियां की, उसके नतीजे बुरे ही निकले. तुम्हारे बुरे बर्ताव की वजह से पहले मैं तुमसे दूर हुआ, फिर तुम्हारे दूसरे साथी भी तुमसे दूर हो गए....वे साथी, जिनके बलबूते तुम कामयाबी के एक शानदार मुकाम तक पंहुचे. फिर तुम्हारे शो की टीआरपी नीचे गिरी और साथ में गिर गया तुम्हारे करियर का ग्राफ. डिप्रेशन का शिकार हुए, शराब का सहारा लिया, बेंगलुरु में अपना इलाज भी करवाया और अब ये फिल्म का यूं फ्लॉप होना.
ठंडे दिमाग से कभी सोचना और इन सब कड़ियों को जोड़ने की कोशिश करना, तो तुम्हें पता चलेगा कि गलतियां आखिर कहां हुई?
खैर कपिल भाई, जिंदगी में ऐसे उतार-चढ़ाव तो चलते रहते हैं. गलतियां इंसान से ही होती हैं और इन्हीं गलतियों से इंसान सीखकर खुद को मजबूत और समझदार बनाता है. उम्मीद करता हूं इस बार तुम अपनी गलतियों से सबक लेकर एक बेहतर कलाकार और एक बेहतर इंसान बनकर सामने आओगे, और एक बार फिर Entertainment की दुनिया में छा जाओगे.
नोट : इस खत की कोई भी बात बुरी लगी हो तो आज दो रोटी ज्यादा खा लेना...Because you know the Witty & Naughty nature of Dr. Gulati...Love You !
Your Pure Sure Permanent Cure
डॉक्टर मशहूर गुलाटी
(ये एक व्यंग्यात्मक चिट्ठी है. ये चिट्ठी सुनील ग्रोवर ने नहीं लिखी है.)
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