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इस साल इकनॉमिक्स का नोबेल अवॉर्ड माइकल क्रेमर और एस्थर डुफ्लो के साथ भारतीय मूल के अमेरिकी अभिजीत बनर्जी को मिला है. 'वैश्विक स्तर पर गरीबी उन्मूलन' के लिए किए गए काम के लिए ये अवॉर्ड उन्हें मिला है. कोलकाता में जन्में अभिजीत बनर्जी ने कलकत्ता यूनिवर्सिटी और दिल्ली की जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है. उन्हें नोबेल मिलने की घोषणा होने के बाद से ही ट्विटर पर नोबेल और जेएनयू ट्रेंड करने लगा है.
एक यूजर ने लिखा, ‘भारत के लिए बड़ा दिन. अमर्त्य सेन के बाद, एक और भारतीय ने इकनॉमिक्स का नोबेल जीता. अभिजीत बनर्जी जेएनयू से पढ़े हैं. ये उन सभी लोगों के लिए एक सीख है जो जेएनयू को एंटी-नेशनल का हब कहते हैं.’
एक ने लिखा, ‘जहां सरकार जेएनयू स्टूडेंट्स की देशभक्ति पर सवाल उठा रही है, इस यूनिवर्सिटी ने एक बार फिर देश का नाम रोशन किया. 2019 इकनॉमिक्स का नोबेल अवॉर्ड जीतने पर अभिजीत बनर्जी को बधाई.’
भारतीय मूल के बनर्जी को नोबेल मिलने के बाद कई बड़ी हस्तियों ने उन्हें बधाई दी. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बधाई के बहाने मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए लिखा, ‘इकनॉमिक्स का नोबेल प्राइज जीतने पर अभिजीत बनर्जी को बधाई. अभिजीत ने गरीबी दूर करने और भारतीय अर्थव्यवस्था को बढ़ाने वाली NYAY स्कीम को कंसेप्ट करने में मदद की थी. इसकी बजाय, अब हमारे पास मोदीनॉमिक्स है, जो अर्थव्यवस्था को बर्बाद और गरीबी को बढ़ा रहा है.’
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी अभिजीत बनर्जी को नोबेल जीतने की बधाई दी. उन्होंने लिखा, ‘अभिजीत के काम ने दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे लाखों छात्रों को फायदा पहुंचाया है. दिल्ली सरकार की सबसे जरूरी एजुकेशन रिफॉर्म ‘चुनौती’ ने सरकारी स्कूलों में क्लासरुम टीचिंग को बदल दिया. ये उनके बनाए मॉडल पर बेस्ड थी.
लेखक जावेद अख्तर ने भी ट्विटर पर अभिजीत बनर्जी को बधाई दी.
58 साल के अभिजीत विनायक बनर्जी ने कलकत्ता यूनिवर्सिटी, जवाहरलाल नेहरू यूनिर्वसिटी (JNU) से पढ़ाई की है. अभिजीत ने साल 1988 में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से पीएचडी की डिग्री हासिल की. फिलहाल, वो मैसाच्युसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में अर्थशास्त्र के फोर्ड फाउंडेशन इंटरनेशनल प्रोफेसर हैं.
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