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21 फरवरी को करीना कपूर और सैफ अली खान के घर फिर से खुशियां आईं. करीना ने एक और बेटे को जन्म दिया. हम सब जानते हैं कि हर परिवार में बच्चों का जन्म एक बहुत बड़ी खुशी और परिवार के लोगों के लिए निजी लम्हा होता है. लेकिन भारत में सेलिब्रटी को पब्लिक फीगर माना जाता है और उनके बच्चे भी इससे अछूते नहीं रहते हैं.
2016 में, जब तैमूर अली खान का जन्म हुआ था, तो उनके नाम को लेकर काफी हो हल्ला हुआ था. सोशल मीडिया हर कोई यूजर्स सवाल उठाते हुए यह कह रहा था कि, आखिर तैमूर का नाम एक क्रूर शासन के नाम पर क्यों रखा गया और अब, 4 साल बाद फिर से वही अजीबोगरीब बातें की जा रही है. मानो ऐसा लग रहा है कि हम वक्त के साथ-साथ बहुत ही डरावने होते जा रहे हैं और नफरत करना हमारा फैशन बन गया है.
जर्नलिस्ट बरखा दत्त के साथ एक चैट शो में करीना कपूर खान के कहा था कि तैमूर के जन्म के बाद उसके नाम को लेकर लोगों ने उसे काफी ट्रोल किया था और तमाम तरह के कमेंट्स किए थे.
करीना ने कहा कि जाति, पंथ या धर्म...यह हमारे लिए मायने नहीं रखता है.
भारतीय हमेशा यह जानने को इच्छुक रहते हैं कि सेलिब्रिटिज क्या करते हैं. चाहे करीना कपूर के मुस्लिम एक्टर सैफ अली खान के साथ शादी करने पर कमेंट करने की बात हो, या उनके बच्चे का नाम क्या होना चाहिए.
लेकिन हमें इससे क्या फर्क पड़ता है कि कौन किससे शादी करे, कौन अपने बच्चे का नाम क्या रखे, यह हमारा काम नहीं है.
करीना और सैफ के दूसरे बेटे के नाम को लेकर इस बार भी ट्विटर पर तमाम बेहूद कमेंट्स आए हैं कि दोनों अपने दूसरे बेटे का नाम क्या रखेंगे. क्योंकि पहले बेटे का नाम उन्होंने तैमूर रखा था, जिससे कई लोगों को ‘परेशानी’ हुई थी.
कुछ यूजर्स ने बेहूदगी की हद पार करते हुए, सैफ और करीना को औरंगजेब, चंगेज और खिलजी जैसे नाम सजेस्ट किए थे.
सोशल मीडिया पर तैमूर के नाम को लेकर यह विवाद हिन्दू बनाम मुस्लिम हो गया.
कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर सैफ अली खान को जिहादी करार दे दिया. तैमूर के नाम को लेकर सैफ और करीना को काफी ट्रोल किया गया. वहीं कुछ यूजर्स सैफ की तुलना ISIS से करने में भी नहीं हिचकिचाए.
पहली बात तो यह है कि, सैफ और करीना अपने बच्चे का नाम क्या रखें, इससे हमें कोई मतलब नहीं होना चाहिए. दूसरी बात यह कि वे एक्टर हैं और उन्हें इस तरह की बातें सुनने की आदत डाल लेनी चाहिए. वे सेलिब्रिटी हैं और उन्हें इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है कि कौन क्या बोल रहा है.
ऐसा नहीं है कि वे इसकी जरूरत नहीं समझते हैं. लेकिन कई मौकों पर करीना ने यह बताने की कोशिश की, कि उन्होंने अपने बेटे का नाम तैमूर क्यों रखा. इसके बावजूद, 4 साल बाद भी जब उनके दूसरे बेटे का जन्म हुआ तो उसे औरंगजेब कहा जाने लगा. इससे हमारी मानसिकता का पता चलता है कि हमने नफरत का एक ऐसा माहौल बना दिया है कि एक मां और बच्चा जो कि अभी अस्पताल में हैं हम उनके लिए कुछ भी गलत बोलते जा रहे हैं.
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