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भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे बिहार के शिक्षा मंत्री 'मेवालाल चौधरी' ने चारों तरफ हो रही आलोचना के बाद इस्तीफा दे दिया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने के बाद मेवालाल चौधरी ने ये फैसला लिया है. लेकिन अब इस इस्तीफे के बाद विपक्ष हमलावर हो गया है. इसके बाद आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार की तरफ इशारा करते हुए कहा है कि आपने ही इन्हें मंत्री बनाया था और अब हटा लिया.
आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने बयान में कहा है-
बता दें कि 'दागी' विधायक को शिक्षा मंत्री का ओहदा देने परनीतीश कुमार की किरकिरी हो रही थी. वो मेवालाल चौधरी जो करीब तीन साल पहले कथित 'भर्ती घोटाले' के बाद बीजेपी के निशाने पर थे, तब विपक्ष में बैठे सुशील कुमार मोदी मेवालाल की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे
आरोपों पर चौधरी ने कहा है-
बिहार के कांग्रेस नेता प्रेम चंद्र मिश्रा का कहना है कि 'बिहार सरकार टेकऑफ होते ही ग्रोउंडेड हो गई. मेवालाल को हटाया जाना विपक्ष की कोशिशों की जीत है. नीतीश कुमार ने बिना सोचे समझे इनको कैबिनेट में शामिल किया था'
पिछड़ा वर्ग के कोईरी जाति से आने वाले मेवालाला तारापुर सीट से विधायक हैं. एमएससी हैं औ पीएचडी भी किया है. सबसे ज्यादा संपत्ति रखने वाले मंत्रियों में भी मेवा लाल चौधरी टॉप पर हैं, जिनके पास 12.31 करोड़ रुपये की संपत्ति है. साल 2012 में 161 सहायक प्रोफेसर-सह-जूनियर वैज्ञानिकों की नियुक्ति में कथित अनियमितताओं को लेकर सुर्खियों में आए थे, जब वो भागलपुर जिले में बिहार कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति थे, तब ये कथित घोटाला सामने आया था.
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