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दिल्ली पुलिस और वकीलों के बीच हुई झड़प के बाद शुरू हुआ विवाद अब और गरमा गया है. 2 नवंबर को तीस हजारी कोर्ट परिसर में दिल्ली पुलिस के पुलिसकर्मियों और वकीलों के बीच में पार्किंग को लेकर बहस हो गई, जिसने बाद में हिंसा का रूप ले लिया. इस दौरान एक वकील को गोली भी लग गई.
5 नवंबर को दिल्ली पुलिसकर्मियों ने वकीलों की तरफ से की गई मारपीट के विरोध में दिल्ली हेडक्वार्टर्स के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. पुलिसकर्मियों के परिवारों ने भी इंडिया गेट पर अपना विरोध दर्ज करवाया.
दिल्ली पुलिस Vs वकीलों पर बॉलीवुड एक्टर स्वरा भास्कर ने लिखा, ‘दिल्ली पुलिस पर वकीलों या इन गुंडों का हमला शर्मनाक है. उम्मीद है उनके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा. समाज में भीड़ को बढ़ावा देने की यही दिक्कत है, एक दिन ये घर तक पहुंच जाते हैं.’
आईपीएस विपुल अग्रवाल ने ट्वीट किया कि पुलिसवालों के मानवाधिकार का क्या?
आईपीएस डी रूपा ने लिखा कि इस मामले में सख्त कार्रवाई की जरूरत है, नहीं तो पुलिस का मनोबल गिरेगा और कानून इन गुंडों के हाथ में चला जाएगा.
कई सोशल मीडिया यूजर्स ने सवाल उठाया है कि गृह मंत्रालय अब तक इस मामले पर चुप क्यों है? बता दें कि दिल्ली पुलिस गृह मंत्रालय के अंतर्गत आती है.
CPI(M) के महासचिव सीताराम येचुरी ने दिल्ली पुलिस के विरोध प्रदर्शन की तस्वीरें शेयर कर लिखा, ‘दिल्ली पुलिस गृह मंत्रालय के अंदर आती है. ये हालात काफी गंभीर हैं. गृह मंत्री कहां है?’
जर्नलिस्ट राज शेखर झा ने लिखा, ‘ये तस्वीरें दिल्ली पुलिस को हमेशा के लिए परेशान करेंगी. इसके पीछे कौन जिम्मेदार है? गृह मंत्रालय.’
आईपीएस असलम खान ने पुलिस की पिटाई का एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया था, जिसे केंद्रीय मंत्री किरेण रिजिजू ने लाइक किया है.
किरेण रिजिजू एनडीए सरकार पार्ट 1 में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री रह चुके हैं.
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