Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Khullam khulla  Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Socialbaazi Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Facebook पर अपनी निजी जानकारियां डालते हैं तो ये खबर आपके लिए है

Facebook पर अपनी निजी जानकारियां डालते हैं तो ये खबर आपके लिए है

फेसबुक ये गुजारिश कर रही है कि उसे खुद को रेगुलेट करने का मौका दिया जाए

द क्विंट
सोशलबाजी
Published:
(फोटो: Reuters)
i
(फोटो: Reuters)
null

advertisement

बात जब निजी जानकारियों की आती है, तो नीति निर्माताओं को फेसबुक को खुद से ही रेगुलेट होने की मंजूरी नहीं देनी चाहिए, क्योंकि ऐसा हो नहीं सकता. फेसबुक के एक पूर्व कर्मचारी ने ये बात कही है.

न्यूयॉर्क टाइम्स में लिखे एक लेख में सैंडी पाराकिलास ने कहा कि फेसबुक को कड़ाई से रेगुलेट करने की या उसे तोड़कर कई कंपनियों में अलग कर देने की जरूरत है, ताकि किसी एक यूनिट का सभी आंकड़ों पर कंट्रोल न हो. बता दें कि ये कर्मचारी फेसबुक की प्राइवेसी से जुड़ी दिकक्तों को ठीक करनेवाले टीम के प्रमुख थे.

फेसबुक सब जानता है?

पाराकिलास ने अपने लेख में कहा है, "फेसबुक जानता है कि आप क्या पसंद करते हैं, आपकी लोकेशन, आपके मित्र, आपकी रुचियां, आप संबंधों में हैं या नहीं, और दूसरे वेबसाइटों पर भी आप क्या देखते हैं. ये आंकड़े एडवरटाइजमेंट देने वाले को रोजाना एक अरब से ज्यादा फेसबुक यूजर्स को टारगेट करने में सक्षम बनाते हैं."

अमेरिकी चुनाव का कनेक्शन

रिपोर्ट के मुताबिक, जब रूस ने 2016 के चुनाव के दौरान अमेरिकियों को टारगेट करने का फैसला किया, तो उन्होंने कोई टीवी या अखबार का एडवरटाइजमेंट नहीं खरीदा और न किसी लेख लिखनेवाले को किराए पर लिया.

पूर्व फेसबुक कर्मचारी ने कहा, "वो फेसबुक के पास गए, जिसकी पहुंच 12.6 करोड़ अमेरिकियों तक थी. तथ्य ये है कि फेसबुक यूजर्स के प्रोटेक्शन और नियमों के पालन से कहीं अधिक प्राथमिकता डेटा कलेक्शन को देता है."

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

अब कंपनी सरकार से ये गुजारिश कर रही है कि उसे खुद को रेगुलेट करने का मौका दिया जाए, ताकि दोबारा ऐसा होने से रोका जा सके.

अमेरिकी चुनाव और पैराडाइज पेपर कलेक्शन

पाराकिलास ने कहा, "मेरा अनुभव कहता है कि ऐसा नहीं हो सकता." अमेरिकी कांग्रेस ने 2016 के चुनाव के दौरान सोशल मीडिया दिग्गज का इस्तेमाल करते हुए रूस के हस्तक्षेप की जांच करते हुए नए गोपनीय दस्तावेजों का खुलासा किया है, जिससे पता चलता है कि फेसबुक और ट्विटर को उन कंपनियों से भारी निवेश प्राप्त हुआ था, जिसकी जड़े रूस से जुड़ी हुईं थी. 'पैराडाइज पेपर' में भी इसका जिक्र है.

2016 के अमेरिकी चुनाव में रूस के कथित दखल के बाद अमेरिकी सांसद सोशल मीडिया कंपनियों के लिए नए नियमों पर विचार कर रहे हैं.

(इनपुट: IANS)

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT