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देश में बढ़ती मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर चिंता जाहिर करते हुए पीएम मोदी को चिट्ठी लिखने वाली हस्तियों पर FIR दर्ज कराई गई है. इस FIR में रामचंद्र गुहा, अपर्णा सेन, श्याम बेनेगल, कोंकणा सेन शर्मा, मणिरत्नम जैसी हस्तियों का नाम है. बिहार के मुजफ्फरपुर के एक कोर्ट ने इन हस्तियों के खिलाफ राजद्रोह के तहत FIR दर्ज करने को कहा है. हस्तियों पर दर्ज FIR पर सोशल मीडिया पर सेलिब्रिटीज ने गुस्सा जाहिर किया है.
बॉलीवुड एक्टर स्वरा भास्कर ने इसे तानाशाही बताया है.
पूर्व IAS जौहर सरकार ने पीएम मोदी पर हमला बोलते हुए ट्विटर पर लिखा, ‘मोदी-स्टाइल लोकतंत्र का मतलब है कि अपराधों को रोकने के लिए कदम उठाने की बजाय, पीएम को लिंचिंग रोकने पर चिट्ठी लिखने वाली हस्तियों पर FIR और राजद्रोह का केस कर दो.’
जर्नलिस्ट आदित्य राज कौल ने सवाल उठाते हुए पूछा कि ये FIR किस आधार पर दर्ज की गई है?
एक यूजर ने लिखा, ‘जिन 49 हस्तियों ने मॉब लिंचिंग को लेकर पीएम को चिट्ठी लिखी थी, उनके खिलाफ कोर्ट ने FIR दर्ज करने को कहा है. उनमें रामचंद्र गुहा, कोंकणा सेन शर्मा, श्याम बेनेगल, मणिरत्नम जैसे लोग हैं. लगता है कोर्ट भी असहिष्णु है.’
फिल्म जर्नलिस्ट यासेर उस्मान ने लिखा, ‘बस इसी की कमी थी.’
एक यूजर ने लिखा, ‘पीएम को चिट्ठी लिखना आपको देशद्रोही बना देता है...’
नामी हस्तियों के खिलाफ राजद्रोह के तहत FIR दर्ज होने पर सोशल मीडिया यूजर्स ने सवाल उठाए हैं. कई यूजर्स ने पूछा कि क्या यही न्यू इंडिया है, जिसके चर्चे मोदी सरकार करती है?
एक यूजर ने लिखा, ‘लिंचिंग अपराध नहीं है, लेकिन इसके खिलाफ खड़े होना है. नया इंडिया!’
एक यूजर ने लिखा, ‘तो मतलब आप मॉब लिंचिंग को सपोर्ट करिए या फिर राजद्रोह के तहत केस दर्ज होगा. अतुल्य भारत.’
एक यूजर ने लिखा, ‘मॉब लिंचिंग पर चिंता जताते हुए पीएम को लेटर लिखने वालों के खिलाफ FIR. पहलू खान के सभी दोषियों को रिहा कर दिया गया है. ये नया इंडिया है.’
बता दें कि श्याम बेनेगल, मणिरत्नम, अनुराग कश्यप, सौमित्र चटर्जी और शुभा मुद्गल समेत 49 मशहूर हस्तियों ने इसी साल जुलाई में प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था. पत्र में सभी ने कहा था कि मुस्लिमों, दलितों और दूसरे अल्पसंख्यकों की मॉब लिंचिंग को तुरंत रोकने के लिए सरकार कड़े कदम उठाए. इसके साथ ही लिखा गया था कि असहमति के बगैर लोकतंत्र की कल्पना मुश्किल है.
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