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दरअसल गुजरात की अमरेली नगरपालिका ने स्वच्छ भारत अभियान के तहत अजीबोगरीब फैसला लिया है. स्वच्छता बढ़ाने के उद्देश्य से नगरपालिका ने जानवरों की गोबरबंदी कर दी है.
एक दिसंबर से लागू होने वाले फैसले के मुताबिक गाय या भैंस दिन में तीन किलो गोबर ही कर सकेंगी. वहीं बछड़े के लिए यह लिमिट 1 किलो तय की गई है.
नियम तोड़ने वालों के लिए एक अजीबो-गरीब तरह की सजा भी तय की गई है. ऐसे लोगों को गधे पर बिठाकर घुमाया जाएगा. इसकी जांच के लिए गोबर चेकिंग दस्ते का भी गठन किया गया है जो गोबर के वजन की जांच करेगा.
अमरेली नगरपालिका कांग्रेस शासित है. नोटबंदी का विरोध करने के लिए स्थानीय नेताओं ने ये तरीका अपनाया है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार विधायक परेश धानानी का कहना है कि नोटबंदी से पैसों की सीमा तय हो सकती है तो जानवरों के लिए गोबरबंदी क्यों नहीं.
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