Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Khullam khulla  Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Socialbaazi Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019‘जब लगावेलु तू लपिस्टिक’ की इससे ‘सुंदर चीरफाड़’ नहीं हो सकती !

‘जब लगावेलु तू लपिस्टिक’ की इससे ‘सुंदर चीरफाड़’ नहीं हो सकती !

भोजपुरी गीत ‘जब लगावेलु तू लपिस्टिक’ का संदर्भ सहित व्याख्या !

द क्विंट
सोशलबाजी
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ये पोस्ट खासकर यूपी-बिहार के साहित्य-प्रेमियों के लिए समर्पित है
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ये पोस्ट खासकर यूपी-बिहार के साहित्य-प्रेमियों के लिए समर्पित है
(फोटो: यूट्यूब स्क्रीनग्रैब)

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फेसबुक और वॉट्सऐप के इस दौर में हर दिन कोई न कोई ऐसी खुराफात लोगों को सूझती रहती है जो वायरल होते हुए आपके मोबाइल तक भी पहुंचती है और तनाव के पलों में भी आपके चेहरे पर मुस्कान ले आती है. ऐसी ही एक पोस्ट इन दिनों खूब घूम रही है. अगर आप यूपी या बिहार से हैं तो यकीनन ये पोस्ट पढ़कर आपका दिन बन जाएगा. अगर नहीं भी हैं तो ये गाना आपने जरूर सुना होगा जिसकी भाई लोगों ने चीरफाड़ की है. वैसे जिसने भी की है उसको नमन !

प्रश्न: निम्नलिखित पद्यांश की संदर्भ सहित व्याख्या कीजिये:

जब लगावेलु तू लपिस्टिक, हिलेला आरा डिस्टिक, जिल्हा टॉप लागेलू ...!!!

उत्तर:

सन्दर्भ: प्रस्तुत पद्यांश हमारे समाज में व्याप्त टैम्पो, टैक्सी, ट्रैक्टर ट्राली, नाई व पान की दुकानों पर बजने वाले और श्रमजीवी वर्ग के आमोद प्रमोद में प्रयुक्त भोजपुरी गीतों की श्रेणी के एक अति-प्रचलित गीत से लिया गया है.

प्रसंग: प्रस्तुत पद्यांश में कवि ने नायिका के अनुपम सौंदर्य का घनघोर वर्णन किया है और उसके कृत्रिम सौंदर्य की तुलना स्थान विशेष पर आने वाले भूकम्प से की है.

व्याख्या:

प्रस्तुत पद्यांश में नायक अपनी प्रेयसी के रूप को देख अत्यंत हर्ष का अनुभव कर रहा है और वह इस प्रसन्नता में नायिका के श्रृंगार की तुलना रिक्टर पैमाने पर प्रमाणित करने को अति आतुर प्रतीत हो रहा है.

नायक अपनी नायिका के सौंदर्य के विषय में भाव-विह्वल हो कर प्रख्यापित करता है कि, हे लॉलीपॉप रुपी जिले की उच्च सुंदरी! जब भी तुम अपने अधरों पर कृत्रिम रंगों का लेपन करती हो, तो तुम्हारे मुख की कांति दर्शनीय होती है और तुम्हारे रूप के इस समग्र भार से आरा जिले के समस्त निवासियों के हृदय में एक भूचाल-सा आ जाता है.
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काव्य सौंदर्य:

1. रूप को रिक्टर पैमाने पे नापा गया है; यह वैज्ञानिक सोच है.

2. अधरों पर किये गये लेपन की तुलना अमेरिका द्वारा आई एस पर गिराये गये बम से की जा सकती है.

3. लपिस्टिक, डिस्टिक जैसे अंग्रेजी शब्दों से आये भाषा का प्रवाह अतुलनीय है.

रस:

इस पद्यांश में श्रृंगार रस का समावेश है. संयोग श्रृंगार विशिष्ट रूप से दृष्टिगोचर होता है.

अलंकार:

पद्यांश में लपिस्टिक-डिस्टिक जैसे शब्द अन्त्यानुप्रास अलंकार दर्शाते हैं. अधरों पर लेपित कृत्रिम रंग का भार और उससे आने वाला भूचाल अतिशयोक्ति अलंकार दिखाता है.

समास:

जिल्हा-टॉप में तत्पुरुष समास ('में' विभक्ति शब्द के लोप से) है.

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Published: 02 Sep 2017,03:19 PM IST

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