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कर्नाटक में चल रहा 'नाटक' अभी तक नहीं थमा है. कभी बागी विधायक मुंबई के होटल ले जाए जा रहे हैं तो कभी गोवा के रिसॉर्ट में. कांग्रेस विधायक बीजेपी में जाने की धमकी दे रहे हैं, निर्दलियों की अलग कहानी है. आलम ये है कि कांग्रेस-जेडीएस-बीजेपी की ऐसी खिचड़ी बनी है कि कर्नाटक के लोग समझ नहीं पा रहे हैं कि आखिर करें तो करें क्या?
अब इसी गुस्से को लोग ट्विटर पर जाहिर कर रहे हैं. कर्नाटक से जुड़े कई हैशटैग ट्रेंड हो रहे थे. ज्यादातर ट्विटर यूजर्स का कहना है कि नेताओं को शर्म आनी चाहिए, अपनी राजनीति के लिए वो कर्नाटक की जनता और कर्नाटक को अधर में डाल दे रहे हैं.
दीपक गौड़ा नाम के ट्विटर यूजर का कहना है, ये तीनों पार्टियां कर्नाटक की जनता को बेवकूफ बना रही हैं. दुर्भाग्य की बात ये है कि तीनों पार्टियों के नेता बेशर्म हैं और राज्य बर्बादी की तरफ बढ़ रहा है.
स्वराज बंगेरा नाम के एक ट्विटर यूजर का कहना है कि कर्नाटक की गठबंधन सरकार ने यहां के लोगों को धोखा दिया है, इसे गिर जाना चाहिए.
एक दूसरे ट्विटर यूजर इस पूरी घटना से खफा नजर आते हैं, उनका कहना है कि राज्य में बीजेपी भी जो कर रही है वो गलत है. ऐसे नेताओं को वोट मांगने के वक्त ही भगा देना चाहिए.
एक यूजर लिखते हैं कि पार्टियां चार्टर फ्लाइट, 5-7 सितारा होटल पर पैसे खर्च कर सकती हैं लेकिन पानी संकट और दूसरे बड़े मुद्दों पर नहीं खर्च कर पाती हैं.
कुछ सोशल मीडिया कर्नाटक की ऐसी स्थिति के लिए बीजेपी को भी जिम्मेदार ठहरा रहे हैं.
कर्नाटक सरकार पर ये संकट 6 जुलाई को तब शुरू हुआ, जब सरकार पर अविश्वास जताते हुए कांग्रेस के 10 और जेडीएस के तीन विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था. तब से लेकर अब तक लगातार उठापटक चल रहे है.
सरकार बचाने के लिए जेडीएस और कांग्रेस ने बागियों को मंत्री पद की पेशकश की है जिसे कथित तौर पर उन्होंने ठुकरा दिया है. अब सभी नजरें विधानसभा अध्यक्ष केआर रमेश पर टिकी हैं. वो मंगलवार को कांग्रेस के 10 और जद (एस) के तीन विधायकों के इस्तीफे पर फैसला लेंगे.सूत्रों के मुताबिक, मुंबई के एक होटल में ठहरे कांग्रेस विधायकों ने मंत्री पद की पेशकश ठुकरा दी है. उनका कहना है कि अब काफी देर हो चुकी है और वो बीजेपी में शामिल होंगे.
सोमवार को ये संकट और बढ़ गया जब निर्दलीय नागेश ने लघु उद्योग मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और मुख्यमंत्री एच.डी.कुमारस्वामी की अगुवाई वाली गठबंधन सरकार से समर्थन वापस ले लिया.
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