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केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर देश में ई सिगरेट पर पूरी तरह से बैन लगाए जाने का ऐलान किया. इसके बाद सोशल मीडिया पर एक नई बहस खड़ी हो गई कि अगर सवाल सेहत का था तो ई सिगरेट पर बैन का ऐलान स्वास्थ्य मंत्रालय के बजाय वित्त मंत्री ने क्यों किया?
बायोकॉन की एमडी किरण शॉ मजूमदार ने वित्त मंत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद ट्विटर पर लिखा, ‘वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ई-सिगरेट पर प्रतिबंध लगाए जाने का ऐलान किया. क्या ये ऐलान स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से नहीं किया जाना चाहिए था? गुटखा पर प्रतिबंध लगाए जाने पर क्या विचार है? वित्त मंत्रालय के बारे में क्या जो अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए कुछ उपायों की घोषणा कर रहा है?’
ट्विटर यूजर सोमेश झा ने लिखा, ‘भारत में मिलेनियल्स कार नहीं खरीद रहे हैं. क्रिप्टोकरंसी में इन्वेस्ट नहीं कर सकते हैं. ई सिगरेट नहीं खरीद सकते हैं.’
ट्विटर यूजर आफरीन ने लिखा, ‘जब स्वास्थ्य मंत्री की जगह वित्त मंत्री ई सिगरेट पर बैन का ऐलान करें, तो समझ लें कि वक्त आ गया है कि तंबाकू कंपनियों के शेयर खरीदें.’
एक ट्विटर यूजर ने लिखा, ‘हमारी वित्त मंत्री प्रेस को मैनेज कर रही हैं. आज उन्होंने ई सिगरेट बैन का ऐलान किया. वे स्वास्थ्य मंत्री हैं या वित्त मंत्री?’
कांग्रेस ने बुधवार को ई-सिगरेट पर प्रतिबंध लगाने के सरकार के फैसले का स्वागत किया, हालांकि उसने यह आरोप भी लगाया कि अर्थव्यवस्था की खराब स्थिति से ध्यान भटकाने के लिए मोदी सरकार इस तरह की घोषणाएं करती है.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने ट्वीट कर कहा-
कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता अजय माकन ने कहा-
बता दें, सरकार ने बुधवार को इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट यानी ई- सिगरेट के उत्पादन, बिक्री, भंडारण और आयात- निर्यात पर रोक लगाने का फैसला किया है. इस उद्देश्य की पूर्ति के लिये अध्यादेश लाया जायेगा. इसका उल्लंघन करने पर सजा का भी प्रावधान किया गया है.
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