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सोशल मीडिया पर फूड एग्रीगेटर कंपनी Zomato के खिलाफ कुछ यूजर्स ने कैंपेन चला दिया है. एक यूजर ने गैर-हिंदू राइडर से डिलिवरी लेने से मना कर दिया था, जिसके बाद जोमैटो ने लिखा था कि खाने का कोई धर्म नहीं होता. इसके बाद से ही ट्विटर यूजर्स इस ऐप को अनइंस्टॉल कर रहे हैं. इस पूरे विवाद में दूसरी कंपनी Uber Eats फंस गई है. जोमैटो के साथ-साथ लोग उबर इट्स को भी खरी-खोटी सुना रहे हैं और इसे ऐप को अनइंस्टॉल करने की बात कर रहे हैं.
31 जुलाई को जब एक यूजर ने जोमैटो से खाना सिर्फ इसलिए कैंसल कर दिया, क्योंकि डिलिवरी राइडर गैर-हिंदू था. इसके जवाब में जोमैटो ने कहा कि ‘खाने का कोई धर्म नहीं होता’. जोमैटो के समर्थन में स्वरा भास्कर जैसे बड़े सितारे उतरे, वहीं उबर इट्स ने भी जोमैटो को सपोर्ट किया.
बस, ऊबर इट्स को जोमैटो का समर्थन करने की कीमत चुकानी पड़ी. ट्विटर पर कई यूजर्स पहले से ही जोमैटो के खिलाफ ट्वीट कर रहे थे, वहीं अब उन्होंने उबर को भी निशाने पर ले लिया है.
ट्विटर पर यूजर्स जोमैटो को अनइंस्टॉल करने का स्क्रीनशॉट भी शेयर कर रहे हैं.
इसके अलावा, जोमैटो से नाराज कस्टमर्स गूगल प्ले और ऐप स्टोर पर भी इसे 1 रेटिंग दे रहे हैं. इतना ही नहीं, रिव्यू में लोगों ने इस ऐप को खराब रेटिंग देने के लिए लिखा भी है कि ये हिंदुओं के साथ भेदभाव करता है.
कई ट्विटर यूजर्स पंडित अमित शुक्ल के सपोर्ट में भी आए थे. उन्होंने #IStandWithAmit के साथ ट्वीट कर उनका बचाव किया था. इन यूजर्स का कहना है कि अमित शुक्ल ने जो किया वो सही था.
हालांकि इसके खिलाफ, कई यूजर्स ने #IDontStandWithAmit हैशटैग के साथ भी ट्वीट किया था.
जोमैटो पर ऑर्डर कैंसल करने वाला शख्स जबलपुर का है. मध्य प्रदेश पुलिस ने इस मामले पर संज्ञान लेते हुए शख्स को नोटिस भेजा है. जबलपुर के एसपी अमित सिंह ने कहा, 'हमने अमित शुक्ला को नोटिस भेजा है. उन्हें चेतावनी दी जाएगी, अगर उनके ट्वीट्स संविधान के मूल्यों के खिलाफ हुए, तो उनपर एक्शन लिया जाएगा. उनपर निगरानी की जा रही है.'
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