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हो सकता है कमलेश का कोई वीडियो आपके व्हॉट्सएप ग्रुप में आया हो या आपने यूट्यूब और फेसबुक पर देखा हो. हो सकता है वो वीडियो देखकर आप हंसे हों. यूं भी हो सकता है कि कमलेश का वीडियो देखकर आप कई दिनों तक उदास रहे हों. एक बच्चा है. 12-13 साल का. भोपाल से भागकर दिल्ली आता है और फिर हर तरह के नशे का आदी बन जाता है. बीते करीब 3 महीनों से असल वीडियो समेत कमलेश से जुड़े तमाम वीडियो मीम भी वाइरल हो गए हैं. अब उदय फाउंडेशन नाम के एनजीओ ने बच्चे की मदद के लिए गुहार लगाई है.
वैसे आपने अब तक ओरिजिनल वीडियो नहीं देखा तो पहले वो देख लीजिए ताकि पूरी कहानी और उसके बाद के सच को समझ सकें.
उदय फाउंडेशन ने दिल्ली के एलजी अनिल बैजल, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और दिल्ली पुलिस को टैग करते हुए ट्वीट किया, "हम सब इस वीडियो को देखने के बाद काफी दुखी हैं. हमें ऐसे कई ईमेल मिल रहे हैं. कृपया इस बच्चे को ढ़ूंढ़कर इसकी मदद करें.”
एक डॉक्यूमेंट्री फिल्ममेकर हैं- धीरज शर्मा. उन्होंने नशेबाज- द डाइंग पीपल ऑफ डेल्ही नाम से डॉक्यूमेंट्री बनाई. कई फिल्म फेस्टिवल में अवॉर्ड जीत चुकी करीब 65 मिनट की इस डॉक्यूमेंट्री का ही एक हिस्सा है- कमलेश.
डॉक्यूमेंट्री टीम के सदस्य नीरज अग्निहोत्री के यूट्यब चैनल से इसी साल 24 मई को कमलेश के हिस्से वाला 3 मिनट 32 सेकेंड का वीडियो अपलोड किया गया. कुछ दिनों तक कोई हलचल नहीं और फिर जैसा इंटरनेट के साथ अक्सर होता है. कब, कौन सी चीज वायरल हो जाए कोई नहीं जानता. इस वीडियो के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ. कमलेश को लेकर बीते तीन महीनों में मीम और फनी वीडियो की बाढ़ आ गई. लोगों ने अपने-अपने तरीके से इस पर मजाक किया. साथ-साथ ओरिजिनल वीडियो भी देखा जाने लगा और देखते ही देखते 34 लाख से ज्यादा व्यू इस वीडियो पर आ गए. कमलेश पर बनाए गए ये हैं कुछ वीडियो मीम--
ओरिजिनल वीडियो में कमलेश को सुनते हुए, उसके चेहरे के जज्बात देखते हुए आपको इस बात का एहसास बहुत तेजी से होता है कि कहीं कुछ गलत है. कुछ है जो इन बच्चों के हाथ में जहर थमा रहा है. फिर वो सिस्टम की कमी हो, सरकारों की बेरुखी हो या समाज की अनदेखी.
डॉक्यूमेंट्री फिल्म ‘नशेबाज’ के निर्देशक धीरज शर्मा ने क्विंट से इस पूरे मुद्दे पर खास बातचीत में कुछ चौंकाने वाले खुलासे किए. धीरज ने बताया, "कमलेश को मैंने क्नॉट प्लेस में शूट किया था. लेकिन इस साल नहीं. साल 2011 में. पूरे 6 साल पहले. इस डॉक्यूमेंट्री को बनाने में मुझे 4 साल लगे. करीब 2 साल पहले डॉक्यूमेंट्री बनकर तैयार हुई.”
आज कमलेश कहां है, धीरज नहीं जानते. कमलेश आज करीब 19 साल का होगा. उदय फाउंडेशन ने जिस 'बच्चे' को ढूंढ़ने की गुहार लगाई है वो तो है ही नहीं. एक और बड़ी बात धीरज कहते हैं,
धीरज ने क्विंट के साथ एक वीडियो भी साझा किया जिसके जरिए वो ऐसे तमाम लोगों को जवाब देते दिख रहे हैं जिन्होंने 'कमलेश' का मजाक बना कर रख दिया.
कमलेश के मिलने के आसार तो कम हीं हैं लेकिन अब भी उन हजारों-लाखों ‘कमलेशों’ को बचाया जा सकता है जो दिल्ली और देश की सड़कों पर घूम रहे हैं.
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