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दुनिया में शायद ही कोई ऐसा आदमी होगा, जिसने सोते समय सपना न देखा हो. सपने सभी देखते हैं, बस कुछ सपने अच्छे होते है और कुछ बुरे. वैज्ञानिकों के रिसर्च के मुताबिक, यह सपने हमारी भावनाओं का ही एक हिस्सा होते हैं.
अमेरिकी यूनिवर्सिटी मांट्रियल की एक रिसर्च के मुताबिक, ज्यादातर लोगों को सोते समय 3 से 5 सपने आते हैं. इनमें छोटे सपनों को लोग तुरंत भूल जाते हैं लेकिन बड़े और बुरे सपनों को लोग याद रखते हैं.
कुल 5-6 फीसदी लोग ही बुरे सपनों का शिकार होते हैं.
कुछ बुरे सपने ऐसे भी होते हैं, जो बार-बार आते हैं. बार-बार बुरे सपने को देखने से इंसान इतना ज्यादा सहम जाता है कि उसे सोने से डर लगने लगता है. और फिर शुरू होती है नींद न आने की बीमारी.
बुरे सपने देखने के कई कारण होते हैं, जिनमें से बड़े कारण हैं- किसी परेशानी के बारे में ज्यादा सोचना, रात में देर से खाना खाना या खाना खाकर तुरंत सो जाना, अल्कोहल का सेवन करना वगैरह-वगैरह.
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