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B R Ambedkar 65th death anniversary: डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर का जन्म 14 अप्रैल, 1891 को हुआ था. बी आर अम्बेडकर ने एक न्यायविद, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और समाज सुधारक के रूप में एक प्रमुख भूमिका निभाई.
भारत के संविधान को आकार देने में अम्बेडकर की बहुत बड़ी भूमिका थी. अम्बेडकर ने निचली जाति और अछूतों के विकास और उत्थान के लिए लड़ाई लड़ी. 31 मार्च 1990 को उन्हें मरणोपरांत देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया.
अम्बेडकर की मृत्यु 6 दिसंबर 1956 में हुई थी. वे स्वतंत्र भारत के पहले कानून और न्याय मंत्री बने. आज उनकी 65वीं पुण्यतिथि के अवसर पर हम आपके लिए उनके कुछ बेहतरीन कोट्स मैसेज लेकर आए है जिन्हें आप अपनों के बीच शेयर कर सकते हैं.
शिक्षित बनो, संगठित रहो, संघर्ष करो.
मैं एक समुदाय की प्रगति को उस प्रगति की डिग्री से मापता हूं जो महिलाओं ने हासिल की है.
यदि हम आधुनिक विकसित भारत चाहते हैं तो सभी धर्मों को एक होना पड़ेगा.
जीवन लम्बा होने की बजाये महान होना चाहिए.
किसी भी कौम का विकास उस कौम की महिलाओं के विकास से मापा जाता हैं.
मैं ऐसे धर्म को मानता हूँ जो स्वतंत्रता, समानता, और भाई-चारा सीखाये.
एक महान आदमी एक प्रतिष्ठित आदमी से इस तरह से अलग होता है कि वह समाज का नौकर बनने को तैयार रहता है.
बुद्धि का विकास मानव के अस्तित्व का अंतिम लक्ष्य होना चाहिए.
एक सुरक्षित सेना एक सुरक्षित सीमा से बेहतर है.
मेरे नाम की जय-जयकार करने से अच्छा है, मेरे बताए हुए रास्ते पर चलें.
एक सफल क्रांति के लिए यह आवश्यक नहीं है कि असंतोष हो, जो आवश्यक है वह है न्याय, आवश्यकता, राजनीतिक और सामाजिक अधिकारों के महत्व पर गहन और गहन विश्वास.
यदि आप मन से स्वतंत्र हैं तभी आप वास्तव में स्वतंत्र हैं.
शिक्षा महिलाओं के लिए भी उतनी ही जरूरी है जितनी पुरुषों के लिए.
ज्ञान हर व्यक्ति के जीवन का आधार है.
ज्ञानी लोग किताबों की पूजा करते हैं, जबकि अज्ञानी लोग पत्थरों की पूजा करते हैं.
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