Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Lifestyle Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Bail Pola 2022: बैल पोला पर्व आज, जानें क्यों और कैसे मनाया जाता यह त्योहार

Bail Pola 2022: बैल पोला पर्व आज, जानें क्यों और कैसे मनाया जाता यह त्योहार

Bail Pola 2022: बैल पोला के दिन स्वादिष्ट पकवान बनाए जाते हैं जैसे पूरन पोली, गुजिया आदि.

क्विंट हिंदी
लाइफस्टाइल
Published:
<div class="paragraphs"><p>Bail Pola 2022</p></div>
i

Bail Pola 2022

(फोटो-Istock)

advertisement

Bail Pola 2022: महाराष्ट्र में बैल पोला का त्योहार आज बड़ी ही धूमधाम के साथ मनाया जा रहा हैं. यह पर्व हर साल भाद्रपद मास की अमावस्या के दिन मनाया जाता है. इस त्योहार को मुख्य रूप से महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और कर्नाटक में मनाया जाता हैं. इस बार बैल पोला का त्योहार आज 27 अगस्त, शनिवार को मनाया जा रहा हैं. बैल पोला को मोठा पोला और तनहा पोला के नाम से भी जाना जाता है.

दो दिन चलने वाले इस त्योहार के दिन बैलों की पूजा की जाती है, भारत एक कृषि प्रधान देश है ऐसे में किसानों के लिए यह त्योहार बड़ा महत्व रखता हैं. इसके साथ ही बच्चे के लिए मिट्टी या लकड़ी का घोड़ा बनाया जाता है जिसे लेकर वह घर-घर जाते हैं और उन्हें पैसे या फिर गिफ्ट्स मिलते हैं.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

बैल पोला पर्व कैसे मनाते

पोला पर्व के एक दिन भादो अमावस्या के दिन बैल और गाय की रस्सियां खोल दी जाती है और उनके पूरे शरीर में हल्दी, उबटन, सरसों का तेल लगाकर मालिश की जाती है. इसके बाद पोला पर्व वाले दिन इन्हें अच्छे से नहलाया जाता है. इसके बाद उन्हें सजाया जाता है और गले में खूबसूरत घंटी युक्त माला पहनाई जाती है.

जिन गाय या बैलों के संग होते हैं उन्हें कपड़े और धातु के छल्ले पहनाएं जाते हैं. इसके बाद बैलों का जुलूस निकाला जाता है. बैल पोला के दिन स्वादिष्ट पकवान बनाए जाते हैं जैसे पूरन पोली, गुजिया आदि.

पोला पर्व मनाने के पीछे की पौराणिक कथा

पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब भगवान विष्णु से कृष्ण अवतार लेकर जन्माष्टमी के दिन जन्म लिया था. जब इसे बारे में कंस को पता चला, तो उसने कान्हा को मारने के लिए अनेकों असुर भेजे थे.

इन्हीं असुरों में से एक था पोलासुर, राक्षस पोलासुर ने अपनी लीलाओं से कान्हा ने वध कर दिया था. कान्हा से भाद्रपद की अमावस्या तिथि के दिन पोला सुर का वध किया था. इसी कारण इस दिन पोला कहा जाने लगा.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT