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Bal Gangadhar Tilak Death Anniversary: बाल गंगाधर तिलक स्वतंत्रता सेनानी होने के साथ एक समाज सुधारक कार्यकर्ता भी थे. जिन्होंने हजारों लोगों को अपने नारों के साथ प्रेरित किया. बाल गंगाधर तिलक (Bal Gangadhar Tilak) की आज 1 अगस्त 2022 को 102वीं पुण्यतिथि (Bal Gangadhar Tilak Death Anniversary) है. बाल गंगाधर तिलक का जन्म 23 जुलाई 1856 को महाराष्ट्र के रत्नागिरी में हुआ था, उनके पिता का नाम गंगाधर तिलक था, जो संस्कृति के विद्वान और एक प्रख्यात शिक्षक थे.
उनका बोला गया वाक्य, "स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूंगा" आज भी लोगों की जुंबा पर रहता है, बाल गंगाधर तिलक का असली नाम केशव गंगाधर तिलक था, लेकिन बाद में उन्हें लोकमान्य का आदरणीय शीर्षक प्राप्त हुआ, इसके बाद उन्हें लोकमान्य तिलक के नाम से जाना जाने लगा.
महान स्वतंत्रता सेनानी और समाज सुधारक के तौर पर मशहूर तिलक को शिक्षक और पत्रकार के तौर पर भी जाना जाता है. 1 अगस्त 1920 को उनकी बम्बई में मृत्यु हो गयी. गान्धी जी ने उन्हें आधुनिक भारत का निर्माता और जवाहरलाल नेहरू ने भारतीय क्रान्ति का जनक बताया था.
लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक जितने महान क्रांतिकारी थे, उनके विचार भी उतने ही महान थे. उनकी 102वीं पुण्यतिथि पर हम आपके लिए उनके कुछ प्रेरणादायी विचार लेकर आए हैं जिन्हें आप शेयर कर सकते हैं.
1. स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूँगा.
2. यदि भगवान छुआछूत को मानते हैं, तो मैं उन्हें भगवान नहीं कहूँगा.
3. आपका लक्ष्य किसी जादू से नहीं पूरा होगा, बल्कि आपको ही अपना लक्ष्य प्राप्त करना पड़ेगा.
4. आप केवल कर्म करते जाइए, उसके परिणामों पर ध्यान मत दीजिये.
5. कमजोर ना बनें, शक्तिशाली बनें और यह विश्वास रखें कि भगवान हमेशा आपके साथ है.
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