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जनाब ये 2017 है, अब इश्क भी नए रंग का है और वेलेंटाइन का चलन भी गुलाबों से आगे बढ़ चुका है. लेकिन अगर कुछ नहीं बदला है तो दिलजलों का हाल. इस वेलेंटाइन सब प्यार मोहब्बत की बात करते हैं, गाने- अफसाने सुनाते हैं, गुलाब और इश्क का कनेक्शन समझाते हैं लेकिन हम जरा दिलजलों मतलब टूटे दिल- वालों पर फोकस करते हैं.
शायर तो कई हुए लेकिन पीयूष मिश्रा ने शायरी को एक नया आयाम दिया है. उनकी कलम से पेश हैं कुछ हिट लाइन्स जिनसे आप यकीनन कनेक्ट करेंगे.
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