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लोक आस्था के महापर्व के छठ (Chhath Puja 2023) का आगाज हो गया है. शुक्रवार, 17 नवंबर को नहाय-खाय के साथ छठ पूजा की शुरुआत हुई. 18 नवंबर को खरना मनाया जाएगा. वहीं 19 नवंबर को डूबते सूर्य को और 20 नवंबर को उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. बिहार (Bihar) की राजधानी पटना (Patna) से एक बेहद खूबसूरत तस्वीर सामने आई है. इस महापर्व में मुस्लिम महिला भी अपने तरीके से बढ़-चढ़कर भाग ले रही हैं.
पटना में मुस्लिम समुदाय की महिलाएं छठ पर मिट्टी का चूल्हा बनाकर बेच रही हैं. वीरचंद पटेल रोड पर क्विंट हिंदी के रिपोर्टर की मुलाकात ऐसी ही एक मुस्लिम महिला से हुई. फूलो खातून मिट्टी का चूल्हा बनाकर बेच रही हैं. क्विंट हिंदी से बातचीत में वो कहती हैं,
फूलो खातून आगे बताती हैं कि छठ के लिए उन्होंने दशहरा के पहले से ही चूल्हा बनाने का काम शुरू कर दिया था. बता दें कि छठ पूजा में साफ-सफाई का खास महत्व होता है. इसपर वो कहती हैं कि वो भी चूल्हा बनाते समय विशेष रूप से साफ-सफाई का ध्यान रखती हैं. चूल्हा बनाने के दौरान वो नॉन-वेज तक नहीं खाती हैं.
फूलो खातून कहती हैं कि छठ पर्व में उनकी बड़ी आस्था है. वो बताती हैं कि उन्होंने छठी मैया से अपने बेटे की रिहाई के लिए मन्नत मांगी थी. उन्होंने कहा कि बाल-बच्चों को कुछ हो जाता है तो हम भी मन्नत मांगते हैं, जब वो पूरा हो जाता है तो हम भी चढ़ावा चढ़ाते हैं.
इसके साथ ही वो कहती हैं कि भले ही हम लोग मुस्लिम समाज से आते हैं लेकिन हम लोग भी इसके महत्व को समझते हैं और पूरी आस्था के साथ मिट्टी के चूल्हे बनाते हैं.
छठ महापूर्व 4 दिनों तक चलता है
नहाय-खाय के साथ छठ की शुरुआत होती है
दूसरे दिन खरना का प्रसाद बनता है. लोग घर-घर जाकर प्रसाद ग्रहण करते हैं
तीसरे दिन डूबते हुए सूर्य की पूजा की जाती है
चौथ दिन उगते हुए सूर्य की उपासना की जाती है
कार्तिक शुक्ल पंचमी को खरना मनाया जाएगा. इस बार 18 नवंबर को खरना पड़ रहा है. पूरे दिन व्रत करने के बाद शाम को व्रती पूजा-पाठ के बाद भोजन करती हैं. इसके अगले दिन यानी 19 नवंबर को डूबते सूर्य की उपासना की जाएगी. वहीं 20 तारीख को उगते सूर्य की पूजा के साथ ही चार दिवसीय छठ पर्व का समापन होगा.
(इनपुट: महीप राज)
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