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दिल्ली में रहने वालों के लिए ये एक खास खबर है...दिवाली पर पूरे देश की तरह आपने भी रसगुल्लों और सेल्फी खिंचाते हुए दिवाली मनाई होगी. दिये, मोमबत्ती और बालकनी पर झालरें भी लगाई होंगी. बिलकुल पूरे देश की तरह. लेकिन दिल्लीवालों, एक चीज है जिसमें आप साल दर साल पूरे देश को मात देते आए हैं. ये चीज है धूम-धड़ाम करते हुए पटाखे जलाकर पूरे शहर को जहर घुले धुंए से भरना.
एयर पॉल्युशन को पार्टीकुलेट मैटर(पीएम) 2.5 और पर्टीकुलर मैटर(पीएम) 10 जैसे आंकड़ों पर चैक किया जाता है. ऐसे में अगर हवा में पीएम 2.5, 60 और पीएम 10, 100 के आंकड़े पर है तो आप हवा में सांस ले सकते हैं. दिल्ली में दिवाली के बाद एयर पॉल्युशन की हालत सीरियस कंडीशन को पार कर चुकी है.
एयरपॉल्युशन पर रियल टाइम अपडेट देने वाली वेबसाइट के मुताबिक दिल्ली में कल रात के बाद से रेसपायरेटरी पॉल्युटेंट पीएम 2.5, 712 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के पार चला गया है. वहीं, पीएम 10, 363 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के पार जा चुका है.
ये पार्टिकूलेट्स फेंफड़ों में बैठ जाते हैं और खून की नसों में भी एंट्री कर जाते हैं. एसएएफएआर ने पूसा रोड, मथुरा रोड, धीरपुर, दिल्ली विश्वविद्यालय, पीतमपुरा और नोएडा में स्थित के निगरानी केंद्रों ने एयर क्वालिटी की ‘सीरियस’ जोन में रखा है.
दिल्ली में एयर पॉल्युशन के इस हालत में पहुंचने के बाद अस्थमा और ब्रोन्काइटिस जैसी सांस लेने से जुड़ी बीमारियों के पेशेंट को सबसे ज्यादा खतरा होता है. इसका कारण ये है कि इन बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए ऐसी हवा में सांस लेना उन्हें सीरियस कंडीशन में पहुंचा सकता है.
अस्थमा से जूझ रहे बच्चों और बूढ़ों को डॉक्टरों ने पहले ही दिवाली से पहले शहर छोड़कर जाने की हिदायत दे रखी थी.
दिल्लीवालों से अब इतना ही कहा जा सकता है कि आप अगली दिवाली से पटाखों को न कहना शुरु कीजिए. अगर ये नहीं कर सकते तो अगली साल से अपने और अपने घरवालों के लिए एक-एक पोर्टेबल ऑक्सिजन सिलेंडर खरीद लीजिएगा.
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