Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Lifestyle Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019एक डिजिटल ऑर्ट वर्क की कीमत करीब 500 करोड़, समझिए क्या है NFT?  

एक डिजिटल ऑर्ट वर्क की कीमत करीब 500 करोड़, समझिए क्या है NFT?  

डिजिटल आर्टिस्ट बीपल ने 2007 से लगातार 5000 दिनों तक रोज एक ऑर्ट वर्क बनाया और पोस्ट किया

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(फोटो: Beeple)
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एक डिजिटल ऑर्ट वर्क, जो खरीदार को फिजिकली मिलने वाला भी नहीं, जो JPG इमेज को मिलाकर बनाया गया है, उसकी कीमत 500 करोड़ रुपये से भी है ज्यादा है. विचित्र किंतु सत्य है. ऑक्शन संस्था क्रिस्टीज ने हाल ही में इसे नीलाम किया है. यह नीलामी NFT यानी नॉन फंजिबल टोकन के जरिए की गई है. आइए जानते हैं क्या है एनएफटी और डिजिटल आर्ट वर्क का पूरा मामला...

डिजिटल आर्टिस्ट बीपल ने 2007 से लगातार 5000 दिनों तक रोज एक ऑर्ट वर्क बनाया और पोस्ट किया. इनमें से हरेक का नाम था ‘एवरीडेज’. इन पांच हजार आर्ट वर्क को मिलाकर बना है ‘एवरीडेज: द फर्स्ट 5000 डेज’.

NFT है क्या?

फंजिबल एसेट्स के तहत डॉलर्स, स्टॉक्स या गोल्ड बार्स को रख सकते हैं जबकि नॉन फंजिबल का मतलब ऐसे एसेट्स से है, जिसे फिजिकली एक्सचेंज नहीं किया जा सकता है और हर एसेट अपने-आप में यूनिक है. एनएफटी के तहत डिजिटल ऑर्ट वर्क्स और स्पोर्ट्स कार्ड्स से लेकर वर्चुअल एनवायरमेंट्स में जमीन के टुकड़े को शामिल किया जाता है. इसें उसी ब्लॉकचेन तकनीक का इस्तेमाल होता है जो बिटकॉइन या दूसरी क्रिप्टोकरेंसी में होती है.

  • किसी व्यक्ति के पास NFT का होना इसे दर्शाता है कि उसके पास कोई यूनिक या एंटीक डिजिटल आर्ट वर्क है जो दुनिया में और किसी के भी पास नहीं है.
  • कोई ऐसा डिजिटल आर्ट जैसे gif, graphic art आदि जिसके बारे में यह दावा किया जा सके कि वह यूनिक है और यह साबित किया जा सके कि उसकी ओनरशिप यानी मालिकाना हक किसी खास शख्स के पास है तो उसे नॉन फंजिबल टोकन कहा जाएगा.
  • NFT यूनिक टोकन्स होते हैं या यूं कहा जाए कि ये डिजिटल असेट्स होते हैं जो वैल्यू को जनरेट करते हैं.
  • एनएफटी को विनिमय नहीं किया जा सकता है, क्योंकि ये यूनिक आर्ट पीस होते हैं और इसका हर टोकन भी अपने आप में यूनिक होता है.
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बढ़ रहा है NFT का क्रेज

फाइनेंसियल एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट कहती है कि एनएफटी के एक मार्केटप्लेस ओपनसी के अनुसार एनएफटी की बिक्री में बढ़ोतरी हो रही है और पिछले महीने फरवरी में इसने 8.63 करोड़ डॉलर का भी स्तर पार कर लिया जबकि जनवरी में 8 करोड़ डॉलर (633.32 करोड़ रुपये) मूल्य के एनएफटी की बिक्री हुई थी. एक साल पहले यह आंकड़ा महज 15 लाख डॉलर (11 करोड़ रुपये) का ही था.

  • ओपनसी के को-फाउंडर एलेक्स एटला के मुताबिक अगर आप कंप्यूटर पर 8-10 घंटे हर दिन बिताते हैं तो डिजिटल आर्ट बहुत बड़ी भूमिका में है क्योंकि यह एक पूरा संसार है.
  • एक साल से भी कम वक्त में इस नॉन फंजीबल टोकन की कीमत कई गुना बढ़ गई. ये रिटर्न न तो किसी बैंक में मिलता है और न ही शेयर मार्केट में. यही वजह है कि अब डिजिटल दुनिया में एनएफटी का क्रेज बढ़ता जा रह है.
  • अब निवेशक इस तरह की चीजों पर खासा ध्यान दे रहे हैं जो केवल ऑनलाइन ही उपलब्ध हैं और यूनिक भी हैं.
कुछ ही दिन पहले ही एक 10 सेकंड की वीडियो क्लिप की ब्रिकी करीब 66 लाख डॉलर यानी लगभग 48.44 करोड़ रुपये में हुई थी, जिसे मियामी के एक आर्ट कलेक्टर पाब्लो रोड्रिगूज फ्रेले ने खरीदा था. कंप्यूटर जेनेरेटेड इस वीडियो में डोनाल्ड ट्रंप को जमीन पर गिरते हुए दिखाया गया है और उनके शरीर पर ढेर सारे स्लोगन्स दिखाए गए हैं. इस वीडियो को भी बीपल ने बनाया था.

कौन बना सकता है एनएफटी?

डिजिटल आर्ट में काम की जानकारी होनी चाहिए साथ ही इसे बनाने के लिए आपका आर्टिस्ट होना भी जरूरी है. इसके साथ ही आपको यह पता होना चाहिए कि आप अपनी NFT को एक ऐसे प्लेटफॉर्म पर रख सकें जहां इसके पाने वाले लोग आते जाते हों. इस प्लेटफार्म पर खरीद-ब्रिकी करेंसी में नहीं बल्कि क्रिप्टोकरेंसी में होती है.

  • आपको पहले क्रिप्टोकरेंसी का अकाउंट बनाना होगा और उसे NFT प्लेफॉर्म पर अटैच करना होगा. इसके बाद बस अपने डिजिटल आर्ट पीस को अपलोड करना होता है और बड़े खरीददार का इंतजार करना होता है.
  • रेरिबल, ओपेन सी, फाउंडेशन और सोरारे ऐसे प्लेटफार्म हैं जहां इसको पसंद करने वाले आते हैं.

भारत में NFT की कहानी

भारत में NFT का कॉन्सेप्ट एकदम नया है. यहां पर इसे ट्रेंड पकड़ने में कुछ समय लग सकता है. NFT को भारत में लॉन्च करने के लिए क्रिप्टो एक्सचेंज पहली भारतीय कंपनी बनने की तैयारी में है जिसे Dazzle नाम दिया जाएगा.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

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