advertisement
दिलीप कुमार एक बार फिर अस्पताल से सही-सलामत घर लौट आए, तो देशभर में उनके चाहने वालों के बीच खुशी की लहर दौड़ गई. कई लोग इस बार किसी अनहोनी के अंदेशे से डरे हुए थे. लेकिन ऐसा लगता है कि मौत जब-जब दिलीप साहब को गौर से निहारती है, तो हर बार 'जिंदगी' उनके सिरहाने खड़ी मुस्कुराती नजर आती है. ऐसे में जिंदगी जीत जाती है, मौत हार जाती है.
दिलीप कुमार (94) की 'जिंदगी' यानी सायरा बानो ने एक बार फिर लोगों को पौराणिक पात्र सत्यवान-सावित्री की याद दिला दी. औरों को तो छोड़िए, लीलावती अस्पताल के डॉक्टर को भी सायरा में सावित्री का अक्स नजर आता है. अस्पताल के वाइस प्रेसिडेंट अजय कुमार पांडे ने सायरा को सती सावित्री करार दिया, तो ये मामला खुद ही जरा हटके की कैटेगरी में आ गया.
सायरा बानो ने भी बड़ी शालीनता के साथ इस सम्मान को कबूल कर लिया. इस मौके पर उनकी शब्दों की बाजीगरी भी दिल को छू लेने वाली है.
सायरा ने हंसते हुए कहा:
सायरा ने आगे ये भी जोड़ दिया कि हर पत्नी अपने पति से प्यार करती है, यह कोई बड़ी बात नहीं है. उन्होंने माना कि दिलीप साहब का अचानक बीमार होना किसी बुरे सपने से कम नहीं था. घर वापसी पर सायरा के मुंह से यही शब्द निकले:
दो साल के भीतर ये तीसरी मुश्किल घड़ी थी, जब दिलीप कुमार की सेहत बिगड़ी और उन्हें लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया. तीनों ही बार 'जिंदगी' मुस्कुराती हुई अस्पताल से बाहर निकली.
दिलीप कुमार को किडनी की बीमारी की वजह से मुंबई में 2 अगस्त को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां एक सप्ताह के बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई. वे अस्पताल से निकलते हुए व्हीलचेयर पर गुलाबी रंग की कमीज में दिखाई दिए.
अपनी बेमिसाल एक्टिंग के लिए मशहूर यूसुफ खान उर्फ दिलीप कुमार ने 1966 में अपनी उम्र से 20 साल छोटी सायरा बानो से शादी की थी.
दिलीप कुमार 1998 में रिलीज हुई फिल्म किला में आखिरी बार बड़े पर्दे पर नजर आए थे. उन्हें 1994 में दादा साहेब फाल्के पुरस्कार और 2015 में पद्म विभूषण से नवाजा जा चुका है.
[ क्या आप अपनी मातृभाषा से प्यार करते हैं? इस स्वतंत्रता दिवस पर द क्विंट को बताएं कि आप अपनी भाषा से क्यों और किस तरह प्यार करते हैं. आप जीत सकते हैं BOL टी-शर्ट. आपको अपनी भाषा में गाने, लिखने या कविता सुनाने का मौका मिल रहा है. अपने BOL को bol@thequint.com पर भेजें या 9910181818 नंबर पर WhatsApp करें. ]
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)