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‘वोकल फॉर लोकल’ वाली दिवाली- अबकी बार देसी ट्रेंड का जलवा

देसी दीयों और डेकोरेशन आइटम्स की इस बार भरमार है

मान्या श्रीवास्तव
लाइफस्टाइल
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कोरोना महामारी के दौर में ये साल 2020 कुछ इस तरह बीता कि लॉकडाउन और अनलॉक की गाइडलाइंस पढ़ते-पढ़ते हम नवंबर के महीने में आ चुके हैं, नवंबर के महीने की दस्तक के साथ हल्की-हल्की ठंड और त्योहार के मौसम ने भी दस्तक दे दी है.

त्योहार के लिए ढेर सारे ऑप्शन

त्योहार के सीजन में इस साल बहुत कुछ बदला हुआ है, एक तरफ महामारी और मंदी की मार है तो दूसरी तरफ चाइनीज प्रोडक्ट्स भारत से बाहर हैं, इसीलिए इस दिवाली को खूबसूरत कैसे बनाया जाए ये अपने आप में एक चैलेंज है, तो आइए हम आपको बताते हैं कि इस दिवाली अपने घर को, खुद को कैसे खूबसूरत बनाया जाए और त्योहार का मजा फीका ना होने दिया जाए.

आइए सबसे 'पहले वोकल फॉर लोकल' नारे को ध्यान में रखते हुए दिवाली पर घर कैसे सजाया जाए यह जान लेते हैं :

मिट्टी के दीये

भले ही एलईडी लाइट सजावट के लिए कितने ही सुविधाजनक क्यों न हों, लेकिन मिट्टी के दीयों की खूबसूरती बेजोड़ है. मिट्टी के दीये जलाकर दिवाली मनाना तो हमारे शास्त्रों से होता आया है. लाल टेरकोटा के दीयों से लेकर रंगीन हाथ से पेंट करे हुए दीयों तक, मिट्टी के दीयों के डिजाइन की कोई सीमा नहीं है. अमेजन जैसी वेबसाइट्स हैंड मेड मिट्टी के दीयों की कई वैरायटी लेकर आई हैं.

टेरीकॉट के रिबन से सजे हुए किनारे और आकर्षक रंगों से डिजाइन किए हुए दीये हैं तो ये आपके घर में रोशनी नहीं बल्कि खूबसूरती भी लाएंगे.

Terracottaamazon

ये कटोरी के डिजाइन के खूबसूरत दीये आप दोबारा भी यूज कर सकते हैं.

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तुलसी की डिजाइन में दिये एक बहुत ही रचनात्मक आईडिया है तुलसी का यह डिजाइन भारतीयता की झलक और यह आपके घर की सजावट में सोने पर सुहागा का काम करेंगी.

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ट्रेडिशनल पेन्टेड दीये भी आप दिवाली की सजावट में लगा सकते हैं .

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इस दिवाली, आप पारंपरिक मिट्टी के अलावा एक अलग तरह का दीया आजमा सकते हैं. राजस्थान की महिलाएं गाय के गोबर का उपयोग कर पर्यावरण के अनुकूल दीये बना रही हैं. ये दीये न केवल गाय की खाद से बनाये जाते हैं,बल्कि बायोडिग्रेडेबल भी होते हैं और इन्हें बिना किसी हानिकारक रंग या श्रृंगार के सजाया जाता है.

मोमबत्ती

दिवाली पर मोमबत्ती कितना महत्व रखती है हम सब जानते हैं, लेकिन हर साल चाइनीज मोतियों की भरमार होती है. लेकिन इस साल चाइनीज प्रोडक्ट्स को ना करते हुए भारतीय हैंड मेड मोमबत्तियां नया ट्रेंड सेट करने वाली हैं.

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इंडियन हैंडमेड मोमबत्ती में सबसे आकर्षक बात ये है है कि, इन सभी में भारतीय कल्चर की झलक मिलती है. ये मटकी मोमबत्ती भी हमारे कल्चर को दिखा रही है .

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ये रंग- बिरंगी गोटेदार हांडी के डिजाइन की कैंडल्स बेहद आकर्षक और खूबसूरत लग रही हैं. ये सिर्फ नेचुरल हैं.

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ये सजावटी मोमबत्तियां आपके घर के वातावरण को धुएं या गंध से प्रदूषित किए बिना जलती हैं.

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इस साल चाइनीज झालर की जगह इंडियन पट्टे वाली झालर मिल रही है. इसका कारण है कि चाइनीज झालर एक सीजन में खराब हो जाती है, जबकि स्वदेशी झालर कई सीजन चलती है, इसकी रिपेयरिंग भी हो जाती है.

कपास , साटन और पत्थरों से बने बिजली के लैंप. इन लालटेन में पत्थर की कारीगरी भी देखने को मिल रही है. चाईनीज सामान को ना कहने के बाद भारतीय कारीगरों ने अपने हुनर को देशभर में फैलाना शुरू कर दिया है.

इस बार दिवाली डेकोरेशंस के लिए कैंडल होल्डर्स कुछ खासा पॉपुलर हो रहे हैं, अगर आपको नहीं पता कैंडल होल्डर्स क्या होता है तो हमको बता दे कि खूबसूरत मोमबत्ती खरीद कर आप 1 दिन के लिए अपना घर सजा सकते हैं लेकिन खूबसूरत कैंडल होल्डर खरीद कर आप दिवाली के त्योहार के पांचों दिन अपना घर रोशन कर सकते हैं . किसी भी टाइप की कैंडल इन आकर्षक कैंडल होल्डर्स में में लगाई जा सकती हैं.

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ये होल्डर बहुत ही खूबसूरत नजर आ रहे हैं, इनकी कठपुतलियां राजस्थान के कल्चर को बढावा दे रही हैं और यह बात होल्डर को और भी शानदार बना रही है.

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आप इन सभी चीजों का इस्तेमाल करके अपनी दिवाली को खूबसूरत बना सकते हैं. इस कोविड-19 के समय में सोशल गैदरिंग्स की जगह सोशल डिस्टेंसिंग ने ले ली है, लेकिन इसका मतलब ये बिल्कुल भी नहीं है कि आप त्योहार का मजा ना उठा पाएं. इसीलिए इस बार ईको-फ्रेंडली दीवाली मनाएं और अपने घर को हाथों से तैयार हुई इन खूबसूरत चीजों से जगमगाएं.

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