Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Lifestyle Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Eid-Milad-un-Nabi को क्यों कहा जाता है 'ईदों की ईद', क्या है इस त्यौहार की मान्यता ?

Eid-Milad-un-Nabi को क्यों कहा जाता है 'ईदों की ईद', क्या है इस त्यौहार की मान्यता ?

Eid Milad un Nabi: ईद मिलाद-उन-नबी 12वें रबी-उल-अव्वल को मनाया जाता है, जो इस्लामी कैलेंडर का तीसरा महीना है.

क्विंट हिंदी
लाइफस्टाइल
Published:
<div class="paragraphs"><p>Eid-Milad-un-Nabi को क्यों कहा जाता है 'ईदों की ईद', क्या है इस त्यौहार की मान्यता ?</p></div>
i

Eid-Milad-un-Nabi को क्यों कहा जाता है 'ईदों की ईद', क्या है इस त्यौहार की मान्यता ?

IANS

advertisement

भारत में 28 अक्टूबर को ईद-मिलाद-उन नबी (Eid-Milad-Un-Nabi) का त्यौहार मनाया जाएगा. दुनिया भर के मुसलमान पैगंबर मुहम्मद सहाब (PBUH) की जयंती मनाने के लिए ईद मिलाद-उन-नबी मनाते हैं, मुहम्मद सहाब को मुसलमान अल्लाह का मैसेंजर भी मानते हैं. इस त्योहार की तारीख चंद्रमा की स्थिति पर निर्भर करती है. इस साल, मिलाद-उन-नबी 27 सितंबर की शाम को शुरू होगा और 28 सितंबर की शाम को समाप्त होगा.

कब मनाई जाती है ईद-मिलाद-उन नबी ?

ईद मिलाद-उन-नबी 12वें रबी-उल-अव्वल को मनाया जाता है, जो इस्लामी कैलेंडर का तीसरा महीना है. यह त्यौहार शिया और सुन्नी संप्रदायों द्वारा अलग-अलग दिन मनाया जाता है. सुन्नी विद्वान ईद मिलाद-उन-नबी 12वीं रबी-उल-अव्वल को मनाते हैं. जबकि, शिया विद्वान 17वें रबी-अल-अव्वल को यह उत्सव मनाते हैं.

पैगंबर मुहम्मद साहब के जन्मदिन को ईद मिलाद-उन-नबी के रूप में क्यों मनाया जाता है?

पैगंबर मुहम्मद सहाब की जन्मतिथि को 'मिलाद' के नाम से भी जाना जाता है. यह शब्द अरबी से लिया गया है. इसका हिंदी में मतलब 'जन्म' होता है. ईद मिलाद-उन-नबी मनाने की उत्पत्ति का पता इस्लाम के शुरुआती दिनों से लगाया जा सकता है जब लोग पैगंबर सहाब के सम्मान में इकट्ठा होते थे और उनका जिक्र करते हैं.

पैगंबर महम्मद सहाब की हदीस और शिक्षाओं से उनके अनुयायी प्रभावित हुए हैं.

ईद मिलाद-उन-नबी मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए पैगंबर मुहम्मद के जीवन और उनके विचारों को याद करने और उनका सम्मान करने का एक अवसर है.

यह त्यौहार भारत, श्रीलंका, यूनाइटेड किंगडम, पाकिस्तान, बांग्लादेश, रूस और जर्मनी सहित कई देशों में व्यापक रूप से मनाया जाता है. अधिकांश मुस्लिम-बहुल देशों में, इस त्योहार को राष्ट्रीय अवकाश के रूप में मान्यता दी जाती है.

लोग मस्जिदों, सड़कों और आवासीय क्षेत्रों को रंगीन रोशनी से सजाकर इस त्योहार को मनाते हैं. लोग पैगंबर मुहम्मद को याद करते हुए बड़े जुलूस भी निकालते हैं. जिसे जुलुस-ए-मोहम्मदी का नाम दिया जाता है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT