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अब क्रीम लगाकर गोरा होने के लिए लेनी होगी डॉक्‍टर की सलाह

गोरा करने वाली क्रीम पर स्वास्थ्य मंत्रालय की सख्ती 

स्तुति मिश्रा
फैशन
Published:
फेयरनेस क्रीम पर स्वास्थ्य मंत्रालय की लगाम
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फेयरनेस क्रीम पर स्वास्थ्य मंत्रालय की लगाम
iStock

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आपकी फेयरनस क्रीम अब हो सकता है आसानी से हर दुकान पर न मिले. फेयरनेस क्रीम के लिए सरकार ने नए नियम लागू कर दिये हैं. स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय की तरफ से जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि ऐसी क्रीम, जिनमें स्टेरॉयेड्स हो, उन्‍हें कैटेगरी H में शामिल किया जाएगा. यानी अब ऐसी क्रीम खरीदने के लिए डॉक्टर की सहमति होना जरूरी है

नए नियम के मुताबिक, डेसोनाइड, बेक्लोमेथासोन सहित इस तरह की 14 चीजों का जिन क्रीम में इस्तेमाल होगा, उसके लिए डॉक्टर की सलाह जरूरी है. स्टेरॉयड मिक्स क्रीम को बगैर डॉक्टर की सलाह बेचने वालों पर फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) एक्शन ले सकता है.

दरअसल, इस बदलाव के पीछे है लगातार कंपनियों का नियम तोड़ना. इससे पहले कई बार सामने आ चुका है कि भारत में फेयरनेस क्रीम कंपनियां भारी मात्रा में हानिकारक केमिकल का इस्तेमाल करती हैं. देश में फेयरनेस क्रीम का कोरोबार इतना बड़ा है कि ये कंपनियां कंपिटीशन के चक्कर में नियमों की अनदेखी करती हैं.

स्टेरॉयड वाली क्रीम के लगातार इस्तेमाल से कई गंभीर परेशानियां हो सकती हैं. इस तरह के केमिकल वाली क्रीम दवा की कैटेगरी में आती हैं, लेकिन अब तक ये बिना किसी रोक-टोक के दुकानों पर बेंची जाती रही हैं.

ज्यादातर कंपनियां अपने विज्ञापनों में किसी स्किन से जुड़ी समस्या, जैसे कि दाग-धब्बे वगैरह को ठीक करने का दावा करती हैं. लेकिन इनका इस्तेमाल डॉक्टर की सलाह के साथ ही करना चाहिए.

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