Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Lifestyle Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019फिराक गोरखपुरी के 21 शेर: तुझे ऐ जिंदगी हम दूर से पहचान लेते हैं..

फिराक गोरखपुरी के 21 शेर: तुझे ऐ जिंदगी हम दूर से पहचान लेते हैं..

फिराक गोरखपुरी के शेर के जरिए समझिए, आखिर क्‍या है ये जिंदगी

अमरेश सौरभ
लाइफस्टाइल
Updated:
साहित्‍यकार रघुपति सहाय उर्फ फिराक गोरखपुरी
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साहित्‍यकार रघुपति सहाय उर्फ फिराक गोरखपुरी
(फोटो: क्‍व‍िंंट हिंदी)

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जननी और जन्‍मभूमि स्‍वर्ग से भी महान है, ऐसा केवल हमारे ग्रंथ ही नहीं गाते. कइयों ने अपने नाम या उपनाम के तौर पर जन्‍मभूमि को टैग कर इसका जीता-जागता सबूत भी दिया है. शायर रघुपति सहाय उर्फ फिराक गोरखपुरी भी ऐसी ही हस्‍त‍ियों में शुमार रहे हैं. 3 मार्च को उनकी पुण्यतिथि है . क्‍व‍िंट हिंदी उन्‍हें और उनकी रचनाओं को अपने खास अंदाज में याद कर रहा है.

फिराक गोरखपुरी ने माटी की सोंधी खुशबू से सनी अपनी शायरी से पुरबइया बयार को महक दी. इश्‍क-मुहब्‍बत की जमीन पर चटख फूलों के रंग वाले तराने लिखकर जीवन को उसका मकसद समझाया. गम और आंसुओं से उस मिट्टी को नम किया. फिर माटी के पुतलों को उसका आखिरी अंजाम भी बेहद खूबसूरती से बयां किया. 'जिंदगी क्या है, आज इसे ऐ दोस्त, सोच लें और उदास हो जाएं...'

आइए, इस महान शायर के कुछ चुनिंदा शेर पर गौर करते हैं और जिंदगी की अबूझ पहेली को सुलझाने की कोशिश करते हैं.

फोटो: क्विंट हिंदी
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Published: 28 Aug 2017,05:34 PM IST

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